
गलत श्रेणी में बनी सोसायटियाँ जांच के दायरे में... आनंद विहार का पंजीयन रद्द, 360 को नोटिस(photo-patrika)
जयपुर: प्रदेश में रियल एस्टेट क्षेत्र से जुड़े विवाद सुलझाने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए रियल एस्टेट रेगुलेटर अथॉरिटी (रेरा) अब जनता और बिल्डर्स-डेवलपर्स के बीच भरोसे की नींव रखेगा। रेरा की ओर से प्रदेश के कई शहरों में ’चौपाल’ (कार्यशाला) लगाई जाएगी। यहां प्रॉपर्टी बुकिंगकर्ता, खरीदार और रियल एस्टेट कारोबारियों को नियम, उनके अधिकार और जिम्मेदारियों के बारे में बताएंगे।
बता दें कि इसकी शुरुआत जोधपुर से की जा रही है। लोगों के लिए बुकिंग और पैसा देने के बाद भी फ्लैट का कब्जा न मिलना, अतिरिक्त चार्ज वसूली, अधूरे प्रोजेक्ट जैसी समस्याएं सामने आती रही है। वहीं, बिल्डर-डेवपलर्स भी बुकिंग राशि समय पर नहीं मिलने, निकायों-विकास प्राधिकरण स्तर पर समय पर अनुमति नहीं मिलने जैसी परेशानी से जूझते रहे हैं। ऐसे मामले कम नहीं होने के चलते रेरा ने फील्ड में उतरने का फैसला किया।
रेरा में 3,728 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हैं। इसमें प्लॉट 1745, कॉमर्शियल 105, ग्रुप हाउसिंग 1775, आवासीय और कॉमर्शियल मिक्स 103 है। इसमें 561 बिल्डर-डेवलपर्स ने एक्सटेंशन लिया, जबकि अब तक नौ प्रोजेक्ट से 1.87 करोड़ रुपए पेनल्टी वसूली गई है।
रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी गठित है, जिसका मुख्यालय जयपुर के उद्योग भवन परिसर में है। यहां फोन नंबर 0141-2851900 पर शिकायत की जा सकती है। इसके अलावा complaint.rera@rajasthan.gov.in पर ई-मेल कर सकते हैं।
Updated on:
20 Jun 2025 08:06 am
Published on:
20 Jun 2025 08:05 am
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