
Rajasthan RGHS scam (Patrika Photo)
Rajasthan RGHS scam: जयपुर: मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवों की कमेटी की बैठक सचिवालय में हुई। बैठक में राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम में दवा की जगह घरेलू सामान लेने वाले कार्मिकों पर कार्रवाई को लेकर सख्त नजर आए।
उन्होंने बैठक में मौजूद अलग-अलग विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिवों को निर्देश दिए कि योजना में जिन विभागों के कार्मिकों की ओर से अनियमितताएं सामने आई हैं, उनको संबंधित विभागों के प्रमुख एक सप्ताह में निलंबित करें।
इससे इस योजना में हर स्तर पर पारदर्शिता लाई जा सके। उन्होंने कहा कि इस साल हर घर तिरंगा अभियान में 2,80,447 वॉलंटियर्स की सक्रिय भागीदारी के कारण राजस्थान को देशभर में दूसरा स्थान मिला है।
राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) में दवा दुकानों को लेकर अधिकारियों की मनमानी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। योजना में पहले से जुड़े कई मेडिकल स्टोर्स का पिछले एक साल में निलंबन किया गया है, जबकि नए विक्रेताओं को जोड़े जाने की प्रक्रिया भी ठप पड़ी है। हालत यह है कि, जो फार्मासिस्ट या दवा व्यापारी योजना से जुड़ना चाह रहे हैं, उन्हें भी अनुमोदन के लिए सिफारिश ढूंढ़नी पड़ रही है।
आरजीएचएस के तहत सरकारी कर्मचारी, पेंशनर और उनके आश्रित अधिकृत मेडिकल स्टोर्स से नकदरहित (कैशलेस) दवाएं ले सकते हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अधिकृत विक्रेताओं को योजना से जोड़ा जाता है।
मगर पिछले एक वर्ष में विभाग ने कई नए आवेदन लंबित कर दिए हैं, बल्कि पहले से जुड़े कई स्टोर्स का अलग-अलग कारणों से पंजीकरण निलंबित कर दिया है। इनमें से कई मामलों में कारण स्पष्ट नहीं बताए गए। मेडिकल स्टोर संचालकों का आरोप है कि बिना वजह आवेदन लंबित करना मनमानी है।
राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) में अनियमितताओं पर सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। योजना का गलत फायदा उठाने पर शिक्षा विभाग ने जयपुर जिले के बस्सी क्षेत्र के खो घाटी स्थित राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल की सीनियर टीचर कुंबोदिनी मीना को निलंबित कर दिया है। उन पर आरजीएचएस कार्ड का दुरुपयोग कर सरकारी धन का दुरुपयोग करने का आरोप है। इस संबंध में संयुक्त निदेशक मंजू शर्मा ने आदेश जारी किए हैं।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी, हरजी लाल अटल ने बताया कि योजना में गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। प्राथमिक शिक्षा, चिकित्सा, गृह, विद्युत वितरण निगम और आयुर्वेद विभाग के 473 कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों को पत्र भेजा गया है।
इन पर आरोप है कि उन्होंने दवाइयों की जगह अन्य सामान लिया, पंचकर्म व शिरोधारा जैसी सेवाओं का अनावश्यक उपयोग किया और मेडिकल स्टोर्स की मिलीभगत से फर्जी पर्चियां बनवाईं।
विभिन्न विभागों के 12 कार्मिकों और 2 चिकित्सकों को निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि इन कर्मचारियों ने योजना का फायदा खुद की बजाय रिश्तेदारों, किरायेदारों और मित्रों के लिए उठाया। वहीं जिन डॉक्टरों पर कार्रवाई की गई, उन पर बिना जांच दवा लिखने और फर्जी प्रिस्क्रिप्शन बनाने का आरोप है।
वित्त विभाग की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने कार्रवाई तेज की है। चूरू के शिवम ड्रग स्टोर, सीकर के गुरू कृपा अस्पताल, न्यू इंडिया मेडिकल स्टोर और नागौर की एक सहकारी समिति की दुकान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि लंबे समय से आरजीएचएस में अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थीं। अब जांच में तथ्य सामने आने के बाद सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है।
Updated on:
19 Aug 2025 11:08 am
Published on:
19 Aug 2025 09:09 am
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