23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान में है प्रभु श्री राम का ये 130 वर्ष पुराना मंदिर, अयोध्या से भी है ख़ास कनेक्शन

Lord Shri Ram Chandra Ji Temple in Rajasthan : प्रभु श्री राम के अनेकों मंदिर भारतवर्ष में कई जगहों पर स्थित हैं, जिनमें से कुछ प्राचीन मंदिरों की तो विशेष मान्यता है। उन्हीं में से एक राजस्थान स्थित श्री राम मंदिर है ।

2 min read
Google source verification
Rajasthan Shri Ram Chandra Temple Jaipur Ayodhya connection

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में नवनिर्मित प्रभु श्री राम मंदिर इन दिनों सबसे ज़्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है। सभी 22 जनवरी के उस ख़ास दिन का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं, जब इस मंदिर में राम लला की पूरे विधि विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठा होगी। वैसे प्रभु श्री राम के अनेकों मंदिर भारतवर्ष में कई जगहों पर स्थित हैं, जिनमें से कुछ प्राचीन मंदिरों की तो विशेष मान्यता है। उन्हीं में से एक श्री राम मंदिर स्थित है राजस्थान की राजधानी जयपुर में।

जयपुर में परकोटे क्षेत्र के चांदपोल बाज़ार स्थित श्री राम चंद्र जी का मंदिर ना सिर्फ यहां के स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि दूर-दराज से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी ख़ास मान्यता रखता है। इस मंदिर में रामनवमी, दिवाली और वार्षिक पाटोत्सव सहित क़ई भव्य आयोजन समय-समय पर होते रहते हैं।

प्राचीन मंदिरों में से एक मंदिर
'छोटी काशी' जयपुर स्थित श्री राम चंद्र मंदिर का इतिहास काफी पुराना बताया जाता है, जो इसे देश भर में स्थित प्राचीनतम श्री राम मंदिरों में से एक बनाता है। राजधानी जयपुर सहित राजस्थान का भी सबसे पुराने श्री राम मंदिर के तौर पर इसकी पहचान है। मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोग बताते हैं कि इस मंदिर की स्थापना 130 वर्ष पहले 1894 में हुई थी।

अयोध्या से है ये ख़ास कनेक्शन!
श्री रामचंद्र जी मंदिर की ख़ास बात ये है कि ये मंदिर अयोध्या के कनक भवन की तर्ज पर बना हुआ है। जिस प्रकार से अयोध्या में कनक बिहारी जी विराजमान हैं, उसी रूप में यहां प्रभु राम चन्द्र स्थापित हैं।

निर्माण में लगे 18 से भी ज़्यादा वर्ष
बताते हैं कि जयपुर स्थित श्री राम चंद्र मंदिर के निर्माण में 18 साल 9 महीने और 24 दिन का वक्त लगा था। इस देरी का कारण इसके नक्षत्र के आधार पर विशेष तरह से निर्माण होना बताया गया है।

वास्तुकला का अनोखा नज़ारा
मंदिर का निर्माण बहुत खूबसूरती से हुआ है। जगह-जगह हुई नक्काशी हर किसी को आकर्षित करती है। मंदिर में पांच विशाल चौक भी बने हैं जो मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। मंदिर के जगमोहन हिस्से में विष्णु जी के 24 अवतारों का चित्रण है। वहीं नागफनी और सिंघमुख जैसी खूबसूरत छवियां भी हैं। पूरा मंदिर परिसर भित्ति चित्रों से सजा हुआ है। संगमरमर की दीवारों पर रामचरितमानस के प्रसंगों का उल्लेख है।

उत्तरी भारत का खास मंदिर
चांदपोल बाजार स्थित ठिकाना मंदिर श्री रामचंद्रजी उत्तरी भारत का खास मंदिर है। यहां राम, सीता, लक्ष्मण सहित चारों भाई विराजमान है। जानकारी के अनुसार इस प्राचीन मंदिर का निर्माण महाराजा सवाई रामसिंह द्वितीय के कार्यकाल में उनकी पत्नी गुलाब कंवर ने करवाया था, जिसे बाद में महाराजा मानसिंह ने साल 1949 में यह मंदिर राज पंडित कन्हैया लाल को भेंट स्वरूप दे दिया था। तब से ही उनके वंशज सेवा पूजा का कार्य कर रहे है।