
केरल हाई कोर्ट (प्रतीकात्मक फोटो)
जयपुर। पुलिस उप निरीक्षक (एसआइ) भर्ती-2021 पेपरलीक का मामला गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट की खंडपीठ के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें भर्ती रद्द की प्रक्रिया शुरू करने और राजस्थान लोक सेवा आयोग की कार्यशैली को लेकर स्वप्रेरणा से याचिका दर्ज करने के एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी गई थी। उधर, चयनित अभ्यर्थियों ने कैविएट दायर कर सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि कोई आदेश पारित करने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए।
हाईकोर्ट की एकलपीठ में याचिकाकर्ता रहे कैलाशचंद्र शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की है। इसमें हाईकोर्ट की खंडपीठ के 8 सितंबर के आदेश को चुनौती देते हुए कहा है कि हाईकोर्ट की खंडपीठ इस आधार पर एकलपीठ के आदेश पर रोक नहीं लगा सकती कि उसने अप्रमाणिक रिपोर्ट के आधार पर दायर याचिका पर फैसला दिया है।
सुप्रीम कोर्ट राफेल मामले में स्पष्ट कर चुका है कि कोर्ट दस्तावेज की प्रमाणिकता पर नहीं जा सकता। रिपोर्ट फर्जी और कूटरचित दस्तावेज होने पर ही उन्हें दरकिनार किया जा सकता है। याचिकाकर्ता ने कहा कि हाईकोर्ट की खंडपीठ का चयनित अभ्यर्थियों को फील्ड ट्रेनिंग की छूट देना भी गलत है।
फील्ड ट्रेनिंग में स्वतंत्र कार्यभार दिया जाता है। अगर दागी अधिकारी ट्रेनिंग पर जाते हैं तो आमजन का विश्वास खत्म हो जाएगा। एकलपीठ ने आरपीएससी की कार्यशैली को लेकर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया, जिसे जनहित याचिका दर्ज कर सुनवाई के लिए लिस्ट किया गया। खंडपीठ के पूरे आदेश पर रोक लगाने से इस पर भी सुनवाई नही हो सकी।
Published on:
12 Sept 2025 06:38 am
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