
राजस्थान राज्य प्रदूषण मंडल कार्यप्रणाली में करेगा बदलाव, तकनीक का लिया जाएगा सहारा
राजस्थान में तेजी से फैल रहे वायु, मृदा प्रदूषण से होने वाले नुकसान से आमजन को जागरूक करने के लिए राजस्थान राज्य प्रदूषण मंडल भी अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव करने जा रहा है। देश के अन्य प्रदूषण नियंत्रण मंडलों की तर्ज पर आमजन को अलग—अलग माध्यमों से जागरूक किया जाएगा। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों के मुताबिक परिवहन, ट्रैफिक पुलिस, उद्ययोग सहित अन्य संबंधित विभागों से समन्वय कर वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई कवायद की जा रही है। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों, वाहनों से निकलने वाले धुओं सहित अन्य मापदंडों की रिपोर्ट भी तैयार की गई है। रिपोर्ट पर आगामी दिनों में चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही समय—समय पर विभागों के आलाधिकारियों के साथ बैठक भी की जाएगी।
करेंगे वीडियो साझा
मोबाइल पर बल्क मैसेज, सोशल नेटवर्क, प्रमुख चौराहों एवं सड़कों पर होर्डिंग इत्यादि के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा। वीडियो के जरिए कई अहम जानकारियां साझा की जाएगी। गुजरात, मध्यप्रदेश सहित अन्य जगहों पर यह नवाचार किए जा रहे हैं। इसके अलावा सीएनजी एवं पीएनजी के पाइंट विकसित करने के प्रस्ताव एक्शन प्लान में शामिल किए गए हैं।
मार्च से करेंगे जागरूक
राज्य में भिवाड़ी सहित अन्य औद्योगिक जगहों पर एनजीटी की फटकार के बाद वायु प्रदूषण काे राेकने और सख्त कदम उठाने के लिए मार्च से आमजन को जागरूक किया जाएगा, जिससे लाेगाें के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर नहीं हाे। वर्तमान समय की बात की जाए तो जयपुर में फरवरी में भी शहर में धूल व धुएं के कारण एयर क्वालिटी का स्तर 187 तक पहुंच गया है। यह सामान्य से फिलहाल ज्यादा है।
Published on:
27 Feb 2023 10:35 am
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