
SI Paper Leak Case : सब इंस्पेक्टर (एसआइ) भर्ती परीक्षा 2021 पेपरलीक मामले में एक और नया खुलासा हुआ है। इसमें अब एसओजी के निशाने में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सहायक लेखाधिकारी (एएओ) आया जो कि उदयपुर में कार्यरत हैं लेकिन मामले का खुलासा होने के बाद अब अवकाश लेकर भूमिगत हो गए हैं। एसओजी के पत्र लिखने के बाद विभाग ने उसका वेतन रोक दिया है।
उदयपुर में कार्यरत एएओ पुरुषोत्तम दाधीच के पास परीक्षा का हस्तलिखित पेपर परीक्षा से 10 दिन पहले पहुंच गया था। एएओ ने तीनों दिन हुई सभी छह परीक्षा के पेपर जयपुर में करणी विहार थाने में पदस्थ महिला कांस्टेबल रेणू व उसकी बहन को पढ़ाया। थानेदार बनी कांस्टेबल को एसओजी ने गिरतार किया, तब इसका खुलासा हुआ। एसओजी जब एएओ के पास पहुंची, तब तक वह अवकाश लेकर भूमिगत हो गया।
वह 9 अक्टूबर 2024 से लेकर अब तक डाक के जरिए पत्र भेजकर अपना अवकाश बढ़ाए जा रहा है। इसको देखते हुए एसओजी ने विभाग को एएओ की तनवाह रोकने के लिए पत्र लिखा। इसके बाद अब विभाग ने एएओ की तनवाह रोक दी। महिला कांस्टेबल का अजमेर में और उसकी बहन का पाली में परीक्षा सेंटर आया था।
एसओजी की जांच में सामने आया कि महिला कांस्टेबल रेणू का आरपीएससी अजमेर में जिस दिन साक्षात्कार हुआ, उसी दिन एएओ दाधीच अजमेर के सर्किट हाउस में ठहरा था। सर्किट हाउस में ठहरने के संबंध में सबूत मिले हैं।
एसओजी की एसआइ पेपर लीक व डमी अभ्यर्थी के मामले में करीब 30 वांटेड फरार चल रहे हैं। इनमें पेपर लीक करने वाला यूनिक भांभू व सुरेश ढाका पर एक-एक लाख रुपए और विनोद रेवाड़ उर्फ विनोद जाट के खिलाफ 50 हजार रुपए का ईनाम घोषित है।
एएओ दाधीच पेपर लीक मामले में फरार चल रहा है। उसकी तलाश में एसओजी की जुटी है। उसके पकड़े जाने के बाद आगे की कई कड़ी और खुलेंगी।
वी.के. सिंह, एडीजी, एटीएस-एसओजी राजस्थान
सूत्रों के मुताबिक, आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामू राईका को परीक्षा से पहले हस्तलिखित पेपर लेने के मामले में गिरतार किया था। राईका नागौर निवासी है और एएसओ पुरषोत्तम दाधीच भी नागौर निवासी है। राईका ने अपने बच्चों के लिए परीक्षा से पहले पेपर लिया था। एएओ दाधीच को पेपर राईका ने उपलब्ध करवाया या फिर अन्य किसी व्यक्ति ने दिया। उदयपुर में राईका का रिश्तेदार विजय रहता था और एएओ दाधीच रिश्तेदार के संपर्क में भी था। राईका के रिश्तेदार की भूमिका की जांच की जा रही है। सूत्रों की माने तो सबसे अधिक नागौर से 56 लोग थानेदार बने हैं। एएओ के परिचित का एक रिश्तेदार भी थानेदार बना है। दाधीच के पकड़े जाने के बाद खुलासा होगा कि उसे पेपर किसने दिया और उसने किस-किस को दिया।
एसओजी के पत्र पर एएओ दाधीच की तनख्वाह बंद कर दी गई है। एसओजी ने कहा है कि दाधीच ड्यूटी पर आए, तब उन्हें सूचना दें, लेकिन अभी तक वह ड्यूटी पर नहीं आया।
प्रकाश शर्मा, संयुक्त निदेशक (कंट्रोलिंग), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उदयपुर
Updated on:
04 Feb 2025 08:36 am
Published on:
04 Feb 2025 08:35 am
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