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ताइक्वांडो प्लेयर की दर्द भरी कहानी, Loan लेकर खेल रही जयपुर की ट्यूलिप ओझा, जानें

Rajasthan News : जयपुर की ताइक्वांडो प्लेयर ट्यूलिप ओझा जिसके परिजन लोन लेकर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खिला रहे हैं पर ऐसा कब तक चलेगा....। राजस्थान सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।

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Rajasthan Taekwondo Player Painful Story Jaipur Tulip Ojha is Playing on Loan know more

ललित पी. शर्मा
Government Please Pay Some Attention : एक ओर जहां केंद्र और राज्य सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए नित नए पैमाने तय कर रही है वहीं दूसरी ओर खिलाड़ियों को लोन लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेलना पड़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकने के बाद तो हर खिलाड़ी के पास प्रायोजक और सरकार पहुंच जाती है पर जब युवा खिलाड़ी को मदद की दरकार होती है तो उस ओर किसी का ध्यान नहीं जाता। ऐसे में कैसे तैयार होंगे ओलंपियन? जब आगे बढ़ने के लिए उन्हें कोई सरकारी मदद नहीं मिलेगी। ऐसी ही कहानी है जयपुर की ताइक्वांडो प्लेयर ट्यूलिप ओझा की। जिसके परिजन लोन लेकर उन्हें अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खिला रहे हैं पर ऐसा कब तक चलेगा….। सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।

राजस्थान की पहली खिलाड़ी जिसने जीता स्वर्ण : नितिन जोलिया

ट्यूलिप ओझा राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद के ताइक्वांडो कोच नितिन जोलिया से कोचिंग लेती हैं। जोलिया के अनुसार ट्यूलिप बहुत ही अनुशासित खिलाड़ी है। वह एक-एक स्टेप का घंटों अभ्यास करती है। थाईलैंड में आयोजित अंतरराष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में उसने स्वर्ण पदक जीता फिर भी कोई आर्थिक सहायता कहीं से नहीं मिली। मुझे विश्वास है कि वह एक दिन देश के लिए पदक जरूर जीतेगी। उसका मनोबल व मानसिक क्षमता बहुत मजबूत है। ट्यूलिप ने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अनेक स्वर्ण जीते।

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खेलों की पहली सीढ़ी पापा ने चढ़ाई

ट्यूलिप (18 वर्ष) के अनुसार मेरे पिता मयंक ओझा वॉलीबॉल के स्टेट प्लेयर रहे हैं। जब मैं छोटी थी तब से पापा हमेशा मुझे खेलों के बारे में बताया करते थे। खेलों की दुनिया की पहली सीढ़ी मेरे पापा ने ही मुझे चढ़ाई। जब मैं पहला टूर्नामेंट खेलने गई तो पापा एक ही बात कही कि हार से घबराना मत। बिना दबाव चैंपियन की तरह खेलो। मैंने 6 वर्ष की उम्र में ताइक्वांडो की ट्रेनिंग शुरू कर दी थी। स्कूल लेवल, जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर के मुकाबले खेले हैं और मेडल जीते। स्कूल नेशनल में अंडर-19 बालिका वर्ग में राजस्थान को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। खेलो इंडिया वूमेंस लीग में भी स्वर्ण पदक जीता। मेरा प्रयास है कि राजस्थान और देश का नाम रोशन करूं।

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ओलंपिक में देश को स्वर्ण दिलाना : ट्यूलिप

12वीं की विद्यार्थी ट्यूलिप ने बताया कि राजस्थान से पहली बार 2024 में वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप खेलने थाईलैंड जाना था। बाहर खेलने जाने के लिए काफी खर्चा आता है। कहीं से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली तो पापा ने लोन लिया और मुझे थाईलैंड भेजा। मैंने वहां स्वर्ण पदक जीता। अब मेरा एक ही सपना है कि ओलंपिक में देश के लिए स्वर्ण जीतूं और मैं इसके लिए दिन-रात मेहनत कर रही हूं। मेरे कोच नितिन जोलिया सर मुझ पर बहुत मेहनत कर रहे हैं। बिना सरकारी मदद के मुझे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हमेशा यह चिंता रहती है कि पापा कब तक लोन लेकर मुझे खिलाते रहेंगे। मुझे 2015 से अभी तक की कोई स्कॉलरशिप नहीं मिली, जो पदक विजेताओं को मिलती है।