नियामक आयोग ने प्रसारण निगम की वार्षिक राजस्व आवश्यकताएं व टैरिफ बढ़ाने की याचिका को बदलावों के साथ मंजूर कर लिया है। साथ ही प्रसारण तंत्र की मजबूती के लिए 2030 तक प्रसारण हानि कम करने के आदेश दिए हैं।
जयपुर। नियामक आयोग ने प्रसारण निगम की वार्षिक राजस्व आवश्यकताएं व टैरिफ बढ़ाने की याचिका को बदलावों के साथ मंजूर कर लिया है। साथ ही प्रसारण तंत्र की मजबूती के लिए 2030 तक प्रसारण हानि कम करने के आदेश दिए हैं। वहीं 400, 220 व 132 केवी की 2199 सर्किट किलोमीटर की नई लाइनें बिछाने की भी मंजूरी दे दी है। आयोग ने निगम की ओर से 2025-26 में प्रसारण हानि का लक्ष्य 4.24 प्रतिशत तक रखने के प्रस्ताव को खारिज करते हुए 4.20 प्रतिशत तक रखने के आदेश दिए हैं। प्रसारण निगम ने आयोग के समक्ष 2025-26 के लिए वार्षिक प्रसारण शुल्क 4910 करोड़ प्रस्तावित किया जिसे आयोग ने 4291 करोड़ तय किया।
आयोग ने कहा कि प्रसारण हानि को कम करने व अंतरराज्यीय प्रसारण तंत्र को मजबूत करने के लिए एआइ व नई तकनीक का उपयोग प्रसारण निगम की ओर से किया जाए। प्रसारण तंत्र को स्मार्ट ग्रिड सिस्टम से जोड़ा जाए। इससे भविष्य में प्रसारण हानि को तेजी से कम किया जा सके।
| वर्ष | निगम प्रस्ताव (%) | आयोग का आदेश (%) |
|---|---|---|
| 2025-26 | 4.24 | 4.20 |
| 2026-27 | 4.14 | 4.50 |
| 2027-28 | 4.40 | 3.90 |
| 2028-29 | 4.94 | 3.75 |
| 2029-30 | 3.84 | 3.60 |
निगम की ओर से दिए गए हानि प्रस्ताव मंजूर होते तो किसी न किसी रूप में इसका खमियाजा उपभोक्ताओं को ही उठाना पड़ता। क्योंकि हानि की भरपाई बिजली उपभोक्ताओं से की जाती है। यही वजह रही कि आयोग ने निगम के 2030 तक प्रसारण हानि के प्रस्तावों को परिवर्तन के साथ मंजूरी दी है।
नियामक आयोग ने 400, 220 व 132 केवी की नई लाइनें बिछाने को भी मंजूरी दे दी है। इससे बढ़ते लोड से प्रसारण व बिजली तंत्र ट्रिप नहीं हो। आयोग ने 400 केवी की 491 व 220 केवी की 502 व 132 केवी की 1206 सर्किट किलोमीटर लाइनें बिछाने की मंजूरी दी है।