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राजस्थान विधानसभा चतुर्थ श्रेणी भर्ती: एेसे कौनसे प्रश्न पूछे गए, जिनके जवाब MBA, बीटेक डिग्रीधारी नहीं दे सके?

राजस्थान विधानसभा चतुर्थ श्रेणी भर्ती में एेसे कौनसे प्रश्न साक्षात्कार में पूछे गए थे, जिनके उत्तर एमबीए, बीटेक, पीजी डिग्रीधारी अभ्यर्थी नहीं दे सके

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Rajasthan Vidhan Sabha Peon Recruitment

जयपुर। राजस्थान विधानसभा चतुर्थ श्रेणी भर्ती परीक्षा 2017 को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं कि एेसे कौनसे प्रश्न साक्षात्कार में पूछे गए थे, जिनके उत्तर एमबीए, बीटेक, पीजी डिग्रीधारी अभ्यर्थी नहीं दे सके। जबकि रसूखदारों के पांचवीं-आठवीं पास रिश्तेदार-परिचित सटीक उत्तर देकर मेरिट में आ गए। भर्ती के लिए इंटरव्यू देने वाले अभ्यर्थी माणक सैन ने आरोप लगाया है कि उन्हें इंटरव्यू में नाम-पता पूछकर ही बाहर भेज दिया गया।

सैन के अनुसार उनसे केवल इतना ही पूछा गया कि वह कहां से आए हैं? उन्होंने कहा कि वह पाली जिले के कानुजा से आए हैं तो साक्षात्कार कमेटी के एक सदस्य ने फिर पूछा कि आपको कितने नंबर दें? सैन ने जवाब दिया कि आपकी इच्छा हो उतने दे दो, इस पर उन्हें साक्षात्कार कक्ष से बाहर भेज दिया गया। सैन का कहना है उनके साथ करीब 60-65 अन्य युवकों ने इंटरव्यू दिया लेकिन नाम-पता पूछकर सभी को बाहर भेज दिया गया।

पाली की रायपुर पंचायत समिति के कानुजा निवासी सैन ने पत्रिका कार्यालय में बताया कि उनका रोल नंबर 26075 था। वह 13 मार्च 1992 से 31 अक्टूबर 99 तक अनुबंध पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर नौकरी कर चुके हैं। वर्ष 2010 से 2017 की चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती निकलने से पहले तक विधानसभा के विभिन्न सत्रों में अनुबंध पर काम किया है। उन्होंने भर्ती में धांधली का आरोप लगाते हुए जांच कराने की मांग की है।

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केवल साक्षात्कार के जरिए भर्ती
भर्ती में लिखित परीक्षा के बजाय केवल साक्षात्कार के जरिए भर्ती की विज्ञप्ति जारी की गई। नियमों में पदों की संख्या रिक्तियों के आधार पर घटाई-बढ़ाई जाने के बिन्दु को शामिल किया गया। सूत्रों का कहना है कि भर्ती की विज्ञप्ति में पदों की संख्या केवल 12 थी। कोई रसूखदार वंचित न रह जाए, इसलिए पदों की संख्या रिक्तियों के आधार पर घटाने-बढ़ाने की बात नियमों में शामिल की गई।

कौन हैं श्रीकांत
भर्ती में जिस श्रीकांत का सलेक्शन हुआ है, सूत्रों के अनुसार वह प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता का नजदीकी है। इसी तरह बड़ी नेत्री की सिफारिश के आधार पर चार को नौकरी मिलने की चर्चा है।

यूं चल साक्षात्कार
विधानसभा के सचिव पृथ्वीराज के अनुसार साक्षात्कार के लिए दो-दो अफसरों की तीन कमेटियां बनाई गई थीं। इन्होंने कई दिन तक रोजाना करीब 8 घंटे तक साक्षात्कार लिए। इसके बाद निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार मेरिट बनाकर रिजल्ट घोषित किया गया।