भाजपा ने सुराज संकल्प पत्र में राजस्थान के निवासियों को निजी उद्योगों में नौकरी में प्राथमिकता दिलाने का वादा किया था। लेनि साढ़े चार वर्ष में सरकार ने इस पर कोई काम नहीं किया। अब निजी क्षेत्रों के उद्योगों में नौकरी और वेतन देने के नियमों में संशोधन के लिए सरकार ने उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है।
गत दिनों कैबिनेट की बैठक में चर्चा के दौरान अधिसंख्य मंत्रियों ने राजस्थानियों का वेतन बाहरी लोगों के मुकाबले 15 से 25 हजार रुपए अधिक करने का प्रस्ताव रखा था। सरकार का तर्क है कि जीएसटी लागू होने से पहले तक औद्योगिक इकाई में होने वाले उïत्पादन पर राज्य सरकार को सीधा कर मिलता था। इससे सरकार को राजस्व मिलता था लेकिन जीएसटी लागू होने से यह हालात बदल गए हैं। ऐसे में सरकार कुछ नहीं तो कम से कम राजस्थान के निवासियों को इन उद्योगों से कुछ लाभ दिला सकती है।
– गत साढ़े चार साल में रोजगार के अवसर : 12.50 लाख
– राजस्थानियों को मिले अवसर : 4.27 लाख
– गैर राजस्थानियों को मिले अवसर : 8.12 लाख
(अनुमानित) जमीन-बिजली हमारी, फिर भी फायदा नहीं
– किसी भी उद्यमी को ये सुविधाएं देती है सरकार : जमीन, बिजली, पानी, जमीन पर रियायत
– रोजगार देने के लिए अनुदान : विभिन्न तरह के ऋण, कई तरह के प्रोत्साहन