इस समय भाइयों को राखी बांधने से बचें बहनें
Raksha Bandhan पर भद्राकाल नहीं होने से दिनभर राखी बांधना शुभ है। हालांकि, बहनें राहुकाल में अपने भाइयों को राखी बांधने से बचें। 26 अगस्त के दिन शाम 4:30 से 6 बजे तक राहुकाल रहेगा। इस समय अवधि के अलावा किसी भी समय राखी बांधी जा सकेगी। पूर्णिमा तिथि शाम 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगी।
Raksha Bandhan पर भद्राकाल नहीं होने से दिनभर राखी बांधना शुभ है। हालांकि, बहनें राहुकाल में अपने भाइयों को राखी बांधने से बचें। 26 अगस्त के दिन शाम 4:30 से 6 बजे तक राहुकाल रहेगा। इस समय अवधि के अलावा किसी भी समय राखी बांधी जा सकेगी। पूर्णिमा तिथि शाम 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगी।
ग्रहणमुक्त रहेगी राखी
इस बार श्रावण पूर्णिमा ग्रहण से मुक्त रहने के चलते रक्षाबंधन का त्योहार सौभाग्यशाली रहेगा। वहीं, रक्षाबंधन के दिन घनिष्ठा नक्षत्र होने के कारण पंचक रहेगा। राखी बांधने में यह बाधक नहीं बनेगा।
इस बार श्रावण पूर्णिमा ग्रहण से मुक्त रहने के चलते रक्षाबंधन का त्योहार सौभाग्यशाली रहेगा। वहीं, रक्षाबंधन के दिन घनिष्ठा नक्षत्र होने के कारण पंचक रहेगा। राखी बांधने में यह बाधक नहीं बनेगा।
क्या है पंचक
घनिष्ठा से रेवती तक पांच नक्षत्रों को पंचक कहा जाता है, जो कि पांच दिनों तक चलता है। पंचक को लेकर भ्रांति यह है कि इसमें कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए। पंचक में अशुभ कार्य नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनकी पांच बार पुनरावृत्ति होती है। पर्व के सिंह के सूर्य में आने से इसकी महत्वता और बढ़ गई है।
घनिष्ठा से रेवती तक पांच नक्षत्रों को पंचक कहा जाता है, जो कि पांच दिनों तक चलता है। पंचक को लेकर भ्रांति यह है कि इसमें कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए। पंचक में अशुभ कार्य नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनकी पांच बार पुनरावृत्ति होती है। पर्व के सिंह के सूर्य में आने से इसकी महत्वता और बढ़ गई है।
रक्षासूत्र भी मानी जाती है राखी
बहनें अपने भाई के लिए खास राखी खरीदती हैं, जो उनके स्नेह और प्रेम का प्रतीक होती हैं। राखी रक्षासूत्र भी मानी जाती है। मान्यता है कि यह रक्षासूत्र किसी भी बला से भाइयों की रक्षा करता है। राखी बंधने के बाद भाई अपनी बहनों को भी उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं।
बहनें अपने भाई के लिए खास राखी खरीदती हैं, जो उनके स्नेह और प्रेम का प्रतीक होती हैं। राखी रक्षासूत्र भी मानी जाती है। मान्यता है कि यह रक्षासूत्र किसी भी बला से भाइयों की रक्षा करता है। राखी बंधने के बाद भाई अपनी बहनों को भी उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं।
राखी बांधते समय इस मंत्र का उच्चारण करें बहने
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चल। भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधते समय बहन को पूर्वाभिमुख (पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके) होकर भाई के ललाट पर रोली, चंदन व अक्षत का तिलक कर इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चल। भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधते समय बहन को पूर्वाभिमुख (पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके) होकर भाई के ललाट पर रोली, चंदन व अक्षत का तिलक कर इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।