
राजस्थान के जोधपुर में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (जेएनवीयू) में अब अगले साल से ही राजस्थानी को अनिवार्य भाषा के तौर पर शामिल किया जा सकेगा। इस साल पाठ्यक्रम सहित अन्य तैयारी नहीं होने से विवि को यह टालना पड़ा। अनिवार्य विषय होने से अगले साल से स्नातक प्रथम वर्ष में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं हिंदी और अंग्रेजी के अलावा राजस्थानी विषय पढ़ सकेंगे।
वर्तमान में प्रदेश में केवल महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर में राजस्थानी को अनिवार्य विषय के तौर पर पढ़ाया जाता है। जेएनवीयू के कुलपति प्रो. कन्हैयालाल श्रीवास्तव ने 21 फरवरी को मायड़ भाषा दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में राजस्थानी को अनिवार्य विषय बनाने की घोषणा की थी।
अकादमी परिषद पाठ्यक्रम पर लगाएगी मुहर: विश्वविद्यालय की ओर से राजस्थानी विषय को अनिवार्य बनाने को लेकर विवि की अकादमिक परिषद में प्रस्ताव लाया जाएगा। यहां विषय से संबंधित पाठ्यक्रम सहित अन्य नियमों पर मुहर लगाई जाएगी। इसके बाद सिंडिकेट में प्रस्ताव पास कर इसे लागू किया जाएगा।
जेएनवीयू जोधपुर के राजस्थानी विभाग में कार्यरत डॉ. गजेसिंह राजपुरोहित का कहना है कि इस साल पाठ्यक्रम सहित अन्य तैयारियों नहीं होने से राजस्थानी को अनिवार्य विषय के तौर पर शामिल नहीं किया जा रहा है। अगले साल तक सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएगी।
Published on:
18 Jun 2024 02:24 pm
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