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RBSE Result 2018: गुरुजी ने बरसाई कृपा, फिर भी चेले हो गए फेल

— बोर्ड परीक्षा परिणाम में खुली पोल, सत्रांक में तो 20 में से 20, थ्योरी में 80 में से किसी के 0 तो किसी के 1 नंबर ही आया

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जयपुर

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MOHIT SHARMA

May 24, 2018

RBSE Result 2018: Students Failed In Exam but Passed in Sessional Exam

RBSE Result 2018: Students Failed In Exam but Passed in Sessional Exam

मोहित शर्मा/जयपुर.

गुरुजी की कृपा पाकर सत्रांक में शत प्रतिशत लाने वाले विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा परिणाम में पोल खुल गई। वे लिखित परीक्षा में 80 में 1, 2 नंबर पर ही सिमट गए। ऐसे प्रदेश में कोई एक—दो मामले नहीं, बल्कि सैंकड़ों मामले हैं। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान , अजमेर ने 12 वीं बोर्ड की विज्ञान और वाणिज्य का परिणाम जारी किया तो उसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। गुरुजी की मेहरबानी से बोर्ड की सत्रांक व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।

शत प्रतिशत दिए सत्रांक
कई स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी साख बचाने के लिए विद्यार्थियों के सभी विषयों में सत्रांक में पूरे शत प्रतिशत नंबर दिए, फिर भी विद्यार्थी उनकी लाज नहीं बचा सके और फेल हो गए। ऐसे विद्यार्थी दो से तीन विषयों में फेल हुए हैं।

सिर्फ सत्रांक से हुए पास
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परिणाम में सत्रांक की विशेष भूमिका है। प्रदेशभर में ऐसे बहुत से विद्यार्थी हैं जो सिर्फ सत्रांक के भरोसे ही पास हुए हैं। उनके लिखित परीक्षा में 33 प्रतिशत अंक भी नहीं आए हैं।

सभी विषयों में 20 में से 20
जयपुर के अम्बाबाड़ी क्षेत्र के एक निजी स्कूल ने अपनी साख बचाने के लिए एक विद्यार्थी के सभी विषयों में 20 में से 20 और 14 में से 14 नंबर सत्रांक में दिए। प्रेक्टिकल में भी 30 में से 26 नंबर दिए। लेकिन कॉमर्स के परिणाम में अकाउन्टेंसी में उसके 80 में से 1 नंबर और बिजनेस स्टडीज में 80 में से 7 नंबर ही आए। और वह इस परीक्षा में फेल हो गया।

यहां तो खाता ही नहीं खुला
अजमेर के एक निजी स्कूल ने कॉमर्स के परिणाम में एक विद्यार्थी के सत्रांक 20 में से 19 और 17 दिए, 14 में से पूरे 14 दिए, लेकिन अकाउन्टेंसी की लिखित परीक्षा में वह खाता ही नहीं खोल सका। लिखित परीक्षा में इस विद्यार्थी के शून्य अंक आए।

56 में से 1 नंबर
जयपुर के एक निजी स्कूल ने एक विद्यार्थी को पास कराने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सका। विज्ञान के परीक्षा परिणाम में स्कूल की पोल खुली। स्कूल ने विद्यार्थी के सत्रांक 20 में से 18, 14 में से 13 और प्रेक्टिकल में 30 में से 28 नंबर दिए। लेकिन फिजिक्स की लिखित परीक्षा में वह 56 में से सिर्फ 1 नंबर ही ला सका।

लिखित परीक्षा में 0 अंक
अजमेर के एक निजी स्कूल ने अपने विद्यार्थी को पास कराने की पुरजोर कोशिश की। अनिवार्य विषय में सत्रांक 20 में 20 और 19 दिए। फिजिक्ट, कैमेस्ट्री और बायोलॉजी में 14 में 14 और 13 नंबर दिए, प्रेक्टिकल में भी 30 में 26, 27 और 28 नंबर दिए। लेकिन थ्योरी में उसके फिजिक्स में 56 में से 0 नंबर और कैमेस्ट्री में 56 में से सिर्फ 6 नंबर आए। वह स्कूल की साख बचाने में कामयाब नहीं हो सका।