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तबादला सूचियों में खामी, कई जगह एक ही स्थान पर हुए दो प्रिंसिपल

— पूर्व में कार्यरत प्रिंसिपल को हटाया ही नहीं, कहीं हाथों हाथ तबादला निरस्त, उपनिदेशक ने अपने ही गलत नाम पर कर दिए हस्ताक्षर

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जयपुर

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MOHIT SHARMA

May 21, 2018

Teacher's Transfer : Two principals at one place in many places

Teacher's Transfer : Two principals at one place in many places

जयपुर। शिक्षा विभाग में इन दिनों तबादलों का दौर चल रहा है। चुनावी साल होने की वजह से सरकार भी अपने लोगों को खुश करने के लिए जमकर तबादले कर रही है। इसमें जनप्रतिनिधियों की डिजायर भी खूब चली हैं। विभाग में जमकर आदेश निकल रहे हैं, जिनमें गलतियों की भरमार है। तबादला आदेश जारी होने के बाद कहीं एक ही स्कूल में दो प्रिंसिपल हो गए हैं तो कहीं सेवानिवृत्ति के नजदीक वाले व्यक्ति का भी तबादला कर दिया है।

19 को तबादला 20 को फिर वहीं
राजकीय माध्यमिक विद्यालय हीरापथ मानसरोवर जयपुर से वरिष्ठ अध्यापिका अनिता शर्मा का तबादला 19 मई को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सवाई माधोसिंहपुरा चाकसू किया गया। फिर 20 मई को रसूख के चलते अनिता का तबादला फिर से हीरापुरा मानसरोवर स्कूल में ही कर दिया गया।

एक ही दिन में बदल दिया स्थान
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बिहाजर विराटनगर से 19 मई को वरिष्ठ अध्यापक प्रमोद अग्रवाल का तबादला राजकीय माध्यमिक विद्यालय हीरापथ किया गया। फिर अनिता का तबादला कैंसिल करने के कारण प्रमोद का तबादला 20 मई को हीरापथ मानसरोवर से राजकीय माध्यमिक विद्यालय किरण पथ मानसरोवर कर दिया।

कई जगह हुए दो प्रिंसिपल
राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय सिरोही, जयपुर में अब दो प्रिंसिपल हो गए। यहां पहले से कार्यरत प्रिंसिपल अर्जुनलाल बुनकर को तो हटाया नहीं साथ ही राजकीय उच्च माध्यमिक दारावत भीलवाड़ा से झाबरमल गुर्जर को भी यहां लगा दिया। ऐसे प्रदेशभर में कई स्कूल हैं, जहां अब दो प्रिंसिपल हो गए हैं।

उपनिदेशक ने स्वयं का नाम भी नहीं देखा
तबादला सूचियां जारी करने के लिए अधिकारियों की संकुल में बाड़ाबंदी की गई। अधिकारी इतने तनाव में हैं कि जयपुर मंडल उपनिदेशक ने तो अपना स्वयं का नाम भी नहीं देखा और मुकेश कुमार शर्मा की जगह मुकेश कुमार यादव के नाम के ही हस्ताक्षर कर दिए। बाद में जब हल्ला हुआ तो उन्होंने 20 मई को एक दिन पहले के तिथि में खुद के नाम के संशोधित आदेश निकाल दिए। इसमें संस्थापन लिपिक ने भी अपने अधिकारी का नाम नहीं देखा और हस्ताक्षर कराते गए। सूचियां जब बाहर आईं तो शिक्षकों ने इसके फर्जी सूची माना। क्योंकि तीन दिन पहले प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के नाम से 5 शिक्षकों के तबादलों की फर्जी सूची जारी हुई थी।


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