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Rewilding Centre: नाहरगढ़ जैविक उद्यान में बदइंतजामी, कई जानवरों के जान को खतरा

Rewilding Centre: जयपुर के नाहरगढ़ जैविक उद्यान में रेस्क्यू सेंटर का रिवाइल्डिंग सेंटर में रूपांतरण कार्य बेहद धीमी गति से चल रहा है, जिससे कई वन्यजीवों के जीवन को खतरा है। 2.5 करोड़ की लागत से बनने वाला यह केंद्र अब तक अधूरा है।

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जयपुर

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Kamal Mishra

Aug 28, 2025

Nahargarh Biological Park

नाहरगढ़ जैविक उद्यान में घायल जानवरों को खतरा (फोटो-पत्रिका)

जयपुर। नाहरगढ़ जैविक उद्यान के रेस्क्यू सेंटर में धीमी गति से चल रहे रिवाइल्डिंग (पुन: जंगली बनाना) सेंटर निर्माण कार्य का खमियाजा वन्यजीवों को उठाना पड़ रहा है। नीलगाय जैसे वन्यजीवों का खुले में इलाज करना पड़ रहा है। वन अधिकारी इस मामले में अनजान बने हुए है। यह कब तक बनकर तैयार हो जाएगा किसी के पास इसका जवाब नहीं है।

दरअसल, नाहरगढ़ जैविक उद्यान में बने रेस्क्यू सेंटर में न केवल जयपुर बल्कि प्रदेशभर से घायल, बीमार पैंथर, बाघ, नीलगाय, भेड़िए समेत कई वन्यजीव उपचार के लिए लाए जाते हैं। फिलहाल उनको रखने के प्रॉपर इंतजाम नहीं है। इससे उनका इलाज प्रभावित हो रहा है।

2.5 करोड़ की लागत से बनना था रिवाइल्डिंग सेंटर

इन जानवरों की जान पर खतरा रहता है। यह देखते हुए दो वर्ष पहले सरकार ने रेस्क्यू सेंटर को रिवाइल्डिंग सेंटर में बदलने की घोषणा की थी। यहां 2.5 करोड़ की लागत से इसे अत्याधुनिक बनाया जाना था। इसे इसी वर्ष मार्च तक तैयार करने का लक्ष्य था लेकिन अभी तक पूरा नहीं हो सका है।

अब तक नहीं बने एनक्लोजर

जानकारी के अनुसार रेस्क्यू सेंटर में बंद पैंथर को निर्माणाधीन रिवाइल्डिंग सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया है। जबकि भेड़िए को भी शिफ्ट किया जाना था लेकिन उनके अब तक एनक्लोजरनहीं बने हैं। आने वाले दिनों में उनका ब्रीडिंग सीजन शुरू हो जाएगा। ऐसे में परेशानी होना तय है।

सख्ती की बजाय राहत

निर्माण में देरी के बावजूद वन विभाग ने संबंधित फर्म के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए बल्कि उसे अगले साल तक की छूट दे दी।

ये सुविधाएं होनी हैं विकसित

यहां रिवाइल्डिंग एनक्लोजर, क्वॉरंटीन सेंटर, इमरजेंसी-सामान्य-बच्चा वार्ड समेत कई सुविधाएं विकसित किया जाना प्रस्तावित है। इससे वन्यजीवों का इलाज किया जा सकेगा।