
फाइल फोटो पत्रिका
RGHS Scheme Crisis : राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) के तहत कैशलेस इलाज कराने वाले लाखों सरकारी कर्मचारियों, पेंशनधारियों और उनके परिजनों के लिए मंगलवार से मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। कारण यह है कि प्रदेश के निजी अस्पतालों ने बकाया भुगतान नहीं मिलने के चलते आरजीएचएस योजना के तहत कैशलेस इलाज पूरी तरह बंद करने का निर्णय लिया है।
निजी अस्पताल संचालकों का कहना है कि वे पहले ही भारी घाटे में इलाज कर रहे हैं। बार-बार ज्ञापन देने और अल्टीमेटम जारी करने के बावजूद सरकार ने न तो भुगतान किया और न ही कोई ठोस समाधान निकाला। इसके चलते वे आर्थिक संकट में फंस गए हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के तत्वावधान में रविवार को आरजीएचएस को लेकर बैठक आयोजित हुई। इसमें निजी, कॉर्पोरेट और विभिन्न अस्पताल संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में वर्तमान में निजी अस्पतालों के सामने आ रही चुनौतियों पर गंभीर चर्चा हुई। बैठक के दौरान राजस्थान एलायंस ऑफ हॉस्पिटल एसोसिएशन की ओर से राज्य सरकार को एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें आरजीएचएस के तहत कैशलेस स्वास्थ्य सेवा की निरंतरता बनाए रखने के लिए ठोस सुझाव दिए गए।
इसमें लंबित क्लेम्स का शीघ्र भुगतान, 45 दिन के भीतर भुगतान सुनिश्चित करने का स्थायी चक्र, न्यूनतम दस्तावेजीकरण वाला सरल प्रोटोकॉल, आठ सदस्यीय सलाहकार समिति को मान्यता देना, टीएमएस पोर्टल की पुन: सक्रियता और दीर्घकालिक संरचनात्मक सुधार के उपाय जैसे सुझाव शामिल थे। संगठन ने सरकार से अपील की है कि इन समस्याओं का समाधान शीघ्र किया जाए, ताकि मरीजों को बिना बाधा के इलाज मिलता रहे।
प्राइवेट हॉस्पिटल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विजय कपूर ने बताया कि प्रदेश के करीब 1,000 निजी अस्पतालों का आरजीएचएस योजना के तहत सात महीनों से करीब 980 करोड़ रुपए बकाया हैं।
डॉ. विजय कपूर ने कहा, ’हम सरकार से टकराव नहीं चाहते, लेकिन लाभार्थियों का इलाज बंद करना हमारी मजबूरी बन गई है। कई बार आग्रह करने के बावजूद न भुगतान हुआ और न ही बातचीत के लिए बुलाया गया।’ डॉ. कपूर ने स्पष्ट किया कि पूर्व घोषित निर्णय के अनुसार मंगलवार से प्रदेश के समस्त निजी अस्पतालों में आरजीएचएस योजना के अंतर्गत कैशलेस इलाज पूरी तरह बंद रहेगा।
Published on:
14 Jul 2025 07:25 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
