
विजय शर्मा / जयपुर। वाहनों के मंहगे स्पेशल नंबर लेने का ट्रेंड तो सालों से हैं, लेकिन जयपुर के लोग वीआईपी नंबरों के साथ स्पेशल फिलिंग भी ले रहे हैं। इसके लिए वे ऐसे ही नंबरों का चयन कर रहे हैं। जयपुर आरटीओ में चारपहिया से लेकर दोपहिया वाहनों के लिए 8055, 4141 और 2414 नंबर लेने के लिए लोग कतार में हैं।
हालांकि यह नंबर वीआईपी नहीं लग रहे, लेकिन इनके पीछे भी कुछ न कुछ उद्देश्य छिपा हुआ है। 8055 से जहां बॉस का ट्रेड छाया हुआ है, वहीं 4141 नंबर लेकर लोग वाहन को पापा के लिए समर्पित कर रहे हैं। इसी तरह 2414 नंबर लेकर लोग श्याम बाबा को याद कर रहे हैं। खास बात है कि इन नंबरों की कीमत भी ज्यादा नहीं है।
ऐसे में सामान्य वर्ग के लोगों के लिए यह नंबर खास बने हुए हैं। आलम यह है कि नई सरीज जारी होते ही इन नंबरों के लिए प्राथमिकता से फाइल आ रही है। वहीं दूसरी ओर 0001 और 9999 नंबर इस बार चारपहिया वाहनों में टॉप पर रहे, जो एक लाख और तीन लाख 42 हजार रुपए में बिके।
साल 2018-19 की बात करें तो आरटीओ को चारपहिया वाहनों से करीब पांच करोड़ 84 लाख 57 हजार की आय हुई है। वहीं दोपहिया वाहनों से 13 लाख रुपए की आय प्राप्त हुई है। इस साल बीते छह महीने की बात करें तो दो करोड़ 24 लाख 49 हजार रुपए की आय हो चुकी है।
10 में से हर चौथा ले रहा वीआईपी नंबरवीआईपी नंबर लेने वालों का क्रेज इतना है कि 10 में से हर चौथा व्यक्ति आवेदन कर रहा है। औसतन नजर डालें तो 10 हजार नंबर की एक सीरीज जारी होती है तो 4 हजार लोग वीआईपी नंबर ले रहे हैं। वीआईपी नंबर के लिए चारपहिया वाहनों में सबसे कम 11 हजार रुपए और दोपहिया वाहनों में 2 हजार रुपए से शुरूआत हो रही है। इसके बाद आवेदक एक से ज्यादा आने पर बोली लगाई जाती है। इस कीमत के नंबर सबसे ज्यादा खरीदे जा रहे हैं।
यह भी समझें
3910 लोगों ने खरीदे इस साल 11 हजार के वीआईपी नंबर 76 लोगों ने खरीदे 21 हजार के वीआईपी नंबर52 लोगों ने खरीदे 51 हजार के वीआईपी नंबर7 लोगों ने खरीदे एक लाख एक हजार के नंबर
Published on:
27 Sept 2019 07:45 am
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