
फोटो- पत्रिका नेटवर्क
Jaipur Greater Municipal Corporation: जयपुर नगर निगम ग्रेटर की 8वीं साधारण सभा की बैठक शुक्रवार को हंगामे की भेंट चढ़ गई। बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद कांग्रेस पार्षदों ने टेबलों पर चढ़कर नारेबाजी शुरू कर दी, जबकि एक पार्षद ने गुस्से में प्रस्ताव की प्रति फाड़ दी। हंगामे के चलते महज दो घंटे में ही बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना पड़ा।
बता दें, बैठक का मुख्य एजेंडा जीएसटी रिफॉर्म्स और वन नेशन वन इलेक्शन पर चर्चा करना था, लेकिन यह चर्चा शहर के विकास से जुड़े मुद्दों पर कांग्रेस की मांग के कारण भटक गई।
नगर निगम मुख्यालय में दोपहर 12:15 बजे शुरू हुई इस बैठक में शुरू से ही तनाव का माहौल था। जैसे ही जीएसटी रिफॉर्म्स पर चर्चा शुरू हुई, कांग्रेस के प्रतिपक्ष नेता राजीव चौधरी ने इसका विरोध जताया। उन्होंने कहा कि जीएसटी पर चर्चा करनी है तो किसी पार्क में जाकर करें। सदन में शहर के विकास से जुड़े मुद्दों पर बात होनी चाहिए। इस बयान के बाद बीजेपी पार्षदों ने जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी।
वहीं, नगर निगम में कांग्रेस के उपनेता भरत मेघवाल ने जब इन विषयों पर तथ्यों के साथ अपनी बात रखने की कोशिश की तो मेयर सौम्या गुर्जर ने उन्हें बोलने से रोक दिया। सूत्रों के अनुसार, मेघवाल की बात को इसलिए रोका गया क्योंकि सभा की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक पहुंचती है। इस घटना ने कांग्रेस पार्षदों के गुस्से को और भड़का दिया।
बैठक में करीब 10 मिनट के लिए कार्यवाही रुकी, लेकिन दोबारा शुरू होने पर माहौल और बिगड़ गया। बीजेपी के तीन पार्षदों को बोलने का मौका मिला, लेकिन जब कांग्रेस पार्षदों की बारी आई, तो उन्हें बोलने से रोक दिया गया। इससे नाराज कांग्रेस पार्षद करण शर्मा ने गुस्से में प्रस्ताव की प्रति फाड़ दी और सदन से बाहर चले गए।
कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया कि अगर केवल बीजेपी पार्षदों को ही बोलने की इजाजत है, तो उन्हें सदन में बुलाने का क्या औचित्य है?
इसके बाद कांग्रेस पार्षदों ने सदन में वापस आकर 'वोट चोर, गद्दी छोड़' लिखे पेपर लहराए और टेबलों व कुर्सियों पर चढ़कर नारेबाजी की। इस दौरान माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि मेयर सौम्या गुर्जर को बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना पड़ा।
कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी शहर के विकास के मुद्दों को दरकिनार कर केवल केंद्र सरकार के एजेंडे को बढ़ावा दे रही है। दूसरी ओर, बीजेपी पार्षदों का कहना है कि जीएसटी रिफॉर्म्स और वन नेशन वन इलेक्शन जैसे मुद्दे राष्ट्रीय हित में हैं और इन पर चर्चा जरूरी है। स्थगन के बाद दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया।
Published on:
26 Sept 2025 03:22 pm
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