11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

‘हरियाणा के CM अंगूठा दिखा रहे हैं’, कांग्रेस MLA बोले- हमें एक बूंद पानी नहीं मिलेगा; यमुना के पानी पर विधानसभा में रार

Rajasthan Assembly Budget Session 2025: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र 2025 में बुधवार को जलदाय और जल संसाधन विभाग की अनुदान मांगों पर जोरदार बहस हुई।

2 min read
Google source verification
Congress MLA Narendra Budhania

Rajasthan Assembly Budget Session 2025: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र 2025 में बुधवार को जलदाय और जल संसाधन विभाग की अनुदान मांगों पर जोरदार बहस हुई। इस दौरान हरियाणा से यमुना जल समझौते, टैंकर माफिया, और राजस्थान को रावी-व्यास नदी से मिलने वाले पानी को लेकर तीखी बहस देखने को मिली।

यमुना के पानी पर विधानसभा में रार

दरअसल, तारानगर से कांग्रेस विधायक नरेंद्र बुढ़ानिया ने विधानसभा में कहा कि हरियाणा राजस्थान को पानी देने के मूड में नहीं है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री हमें अंगूठा दिखा रहे हैं। यमुना जल समझौते के नाम पर चुनाव से पहले बड़ी-बड़ी बातें की गई थीं, लेकिन हरियाणा हमें एक बूंद पानी नहीं देगा।

उन्होंने कहा कि हरियाणा से सिर्फ बाढ़ का पानी आता है, जिसे कोई रोक नहीं सकता। लेकिन राजस्थान को उसके हिस्से का पीने और सिंचाई के लिए जरूरी पानी नहीं मिल पा रहा।

गांवों में टैंकर माफिया हावी- बुढ़ानिया

बुढ़ानिया ने राजस्थान में पानी संकट का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गांवों में सर्दी के मौसम में भी एक-एक महीने तक पानी नहीं आता, तो गर्मी में क्या हाल होगा? टैंकर माफिया हजार-हजार रुपए में पानी बेच रहे हैं। गरीबों की बस्तियों तक पानी नहीं पहुंच रहा, रसूखदारों ने अवैध कनेक्शन और मोटरें लगा रखी हैं। इंदिरा गांधी नहर का पानी जहरीला आ रहा है, जिससे कैंसर और दूसरी बीमारियां बढ़ रही हैं।

उन्होंने सरकार से मांग की कि अवैध कनेक्शनों के खिलाफ अभियान चलाया जाए और नहरों के पानी की गुणवत्ता सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

यहां देखें वीडियो-

रावी-व्यास नदी के पानी का उठा मु्द्दा

इससे पहले बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ ने राजस्थान को रावी-व्यास नदी से उसके हिस्से का पूरा पानी दिलाने के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि 1981 में राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के बीच जल समझौता हुआ था, लेकिन 2004 में पंजाब सरकार ने इसे निरस्त करने के लिए एक अधिनियम पारित कर दिया।

सराफ ने कहा कि 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के इस कदम को अवैध ठहराया और कहा कि राजस्थान को उसके हिस्से का पानी मिलना चाहिए। लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि जब राजस्थान और केंद्र में डबल इंजन की सरकार है तो फिर यह राजस्थान के हक का पानी लेने का सबसे सही समय है।

बीजेपी विधायक ने सुझाव दिया कि सरकार को एक उच्च स्तरीय नोडल अधिकारी (ACS स्तर) नियुक्त करना चाहिए, जो केवल रावी-व्यास नदी से राजस्थान के हिस्से का पानी दिलाने पर काम करे।

यह भी पढ़ें : जूली ने पूछा- कब होंगे शहरी निकाय चुनाव? विधानसभा में UDH मंत्री ने किया खुलासा; BJP विधायक ने EVM पर उठाए सवाल