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सचिन पायलट वर्सेज अशोक गहलोत ? इन बयानों से समझें ये अदावत पुरानी है

राजस्थान की सियासत वर्तमान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वर्सेज सचिन पायलट के इर्द-गिर्द घूम रही है। अब अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को गद्दार बताकर नया राग छेड़ दिया है। मगर यह अदावत पुरानी है और इस तरह की बयानबाजी दोनों तरफ से होती रही है।

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जयपुर

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Umesh Sharma

Nov 24, 2022

सचिन पायलट वर्सेज अशोक गहलोत ? ये अदावत पुरानी है

सचिन पायलट वर्सेज अशोक गहलोत ? ये अदावत पुरानी है

जयपुर। राजस्थान की सियासत वर्तमान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वर्सेज सचिन पायलट के इर्द-गिर्द घूम रही है। अब अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को गद्दार बताकर नया राग छेड़ दिया है। मगर यह अदावत पुरानी है और इस तरह की बयानबाजी दोनों तरफ से होती रही है। वर्ष 2018 में सरकार के गठन के साथ ही बयानबाजी का दौर शुरू हो गया था जो आज तक जारी है। इसकी परिणीति क्या होगी, यह तो भविष्य के गर्भ में है।

ताजा बयान इसी नवंबर महीने का है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नवंबर को सीएम अशोक गहलोत की तारीफ की थी। गहलोत ने भी पीएम मोदी के सम्मान में कुछ शब्द कहे। इसे लेकर पायलट ने गहलोत को लपेटा और कहा कि पीएम मोदी ने कुछ समय पहले गुलाम नबी आजाद की तारीफ में भी कुछ बातें कही थीं, आज की स्थिति सबके सामने है। पायलट का बयान आने के बाद गहलोत ने भी पलटवार किया और कह डाला कि यह कांग्रेस के नेताओं के एक दूसरे पर बयानबाजी करने का समय नहीं है। ऐसी बयानबाजी से बचना चाहिए।

पायलट को निकम्मा कहा था

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को नकारा और निकम्मा कहा था। इस पर पायलट ने जवाब दिया था कि आज से पहले भी मुख्यमंत्री ने मेरे बारे में कुछ कह दिया था। मुझे कुछ नाकारा, निकम्मा ऐसी बहुत सारी बातें बोल दी थीं, लेकिन अशोक गहलोत अनुभवी हैं, बुजुर्ग हैं और पिता तुल्य हैं। वो कभी कुछ बोल देते हैं तो मैं उसे अन्यथा नहीं लेता।

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रगड़ाई के बयान ने पकड़ा था तूल

एक महीने पहले गहलोत ने कहा कि जिन्हें बिना रगड़ाई पद मिल गए, वे देश में फितूर कर रहे हैं। जब कांग्रेस के अच्छे दिन आएंगे तो इनके दिन भी अच्छे आएंगे। कोई रोक नहीं सकता। अवसर मिलेंगे। जल्दबाजी जितनी करेंगे, उतनी ठोकर खाते रहेंगे। इस पर पायलट ने कहा था कि हर बार हम सरकार बनाते हैं, फिर हार जाते हैं। पर अब हमने प्रण लिया है कि हम सब मिलकर 2023 में कांग्रेस की सरकार को रिपीट करेंगे।

वैभव की हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए

लोकसभा चुनाव में जोधपुर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत की हार पर भी गहलोत ने पायलट को घेरा था। उन्होंने कहा था कि जोधपुर लोकसभा सीट से मेरे बेटे का नाम पायलट ने ही सुझाया था। उन्होंने कहा था कि वह बड़े अंतर से जीतेगा, क्योंकि हमारे वहां 6 विधायक हैं, और हमारा चुनाव अभियान बढ़िया था। तो मुझे लगता है कि उन्हें वैभव की हार की जिम्मेदारी तो लेनी चाहिए। जोधपुर में पार्टी की हार का पूरा पोस्टमॉर्टम होगा कि हम वह सीट क्यों नहीं जीत सके। इस पर पायलट ने कोई बयान नहीं दिया था।