
सचिन पायलट। फोटो: पत्रिका
Rajasthan Politics: भजनलाल सरकार में मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा इंदिरा गांधी को लेकर की गई टिप्पणी और 6 कांग्रेस विधायकों के निलंबन को लेकर सदन में गतिरोध अभी बना हुआ है। इस मामले को लेकर पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने राजस्थान सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि 'हम सिर्फ यही चाहते है कि मंत्री और सरकार इतना कह दे कि हमारी इंदिरा गांधी के प्रति हमारी कोई दुर्भावना नहीं है। इतना नहीं कर सकते तो हम भी यहां बैठे हैं और सरकार भी'।
सचिन पायलट ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 'इतिहास गवाह है, देश की प्रधानमंत्री जिन्होंने अपने पेट में 32 गोलियां खाई। एक पूर्व प्रधानमंत्री को शहीद किया गया। सदन की परंपरा होती है कि जो व्यक्ति सदन का सदस्य नहीं है, दुनिया में नहीं हैं और जो महिला देश की प्रधानमंत्री रहीं हो। उसके खिलाफ इस प्रकार की बात बोलना, जहां उनका कोई संदर्भ नहीं था। उनकी धारणा जानबूझकर उन्हें अपमानित करने की भावना थी। यदि हमारे नेता की कोई अवमानना करता है तो सहन नही करेंगे'।
उन्होंने कहा कि 'भाजपा सरकार संसद में अंबेडकर को अपमानित करती है और राजस्थान सरकार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को विधानसभा में अपमानित करती है। जिससे सदन में सवाल के जबाव नहीं देना पड़े, संवाद नहीं हो पाए। ये केवल कीचड़ उछालने का काम यह कर रहे हैं , जो किसी भी सरकार को शोभा नहीं देता। मुख्यमंत्री को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।तीन-चार दिन के धरने के बाद चर्चा के बाद सहमति बन रही थी तो सत्ता पक्ष ने फिर से मामले को बिगाड़ दिया। सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्री ने ठीक नहीं समझा की इस पर खेद प्रकट करे'।
कांग्रेस विधायकों के निलंबन को लेकर पायलट ने कहा कि 'हमारे विधायकों को सस्पेंड कर दिया, इससे लोग आपको बहादुर नहीं समझेंगे। सरकार में धारणा बन चुकी है कि सदन में हंगामा करो और विपक्ष को करने से दूर रखो। सदन चलाना सरकार की जिम्मेदारी होती है, विपक्ष की नहीं। एक बार के मंत्री को प्रश्नकाल के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जिक्र करने की जरुरत ही कहां थी, अपने विवेक से जानबूझकर इसका जिक्र किया गया। साथ ही भाजपा के प्रभारी मंत्री की पीठ थपथपाने का काम रहे है'।
वहीं, पायलट ने इस मामले पर एकजुटता दिखाते हुए कहा कि 'इस मामले पर नेता प्रतिपतक्ष टीकाराम जूली और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के साथ है। हम सभी विधायक मिलकर काम कर रहे है, यह व्यक्तिगत मामला नहीं है। जिस मंत्री सदन के पटल पर इंदिरा गांधी को अपमानित किया। अब खेद प्रकट करने में उनकी नाक कट रही है। यह जिम्मेदारी मंत्री ही नहीं पूरी सरकार की है'।
किरोड़ी लाल फोन टैपिंग मामले को लेकर उन्होंने कहा कि 'किरोड़ी लाल कह-कहकर थक गए कि मेरा फोन टैप हो रहा है। ना ही उनको निकालते और ना ही उनको काम देते है। भाजपा सरकार में आपस में गतिरोध है। दिल्ली-जयपुर में तनाव के कारण सदन को चलाना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ यही चाहते है कि मंत्री और सरकार इतना कह दे कि हमारी इंदिरा गांधी के प्रति हमारी कोई दुर्भावना नहीं है। इतना नहीं कर सकते तो हम भी यहां बैठे हैं और सरकार भी'।
Updated on:
24 Feb 2025 08:23 pm
Published on:
24 Feb 2025 08:14 pm
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