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निजी स्कूलों को संजीवनी, सरकार ने आरटीई के दिए 212 करोड़

अगले महीने के दूसरे सप्ताह तक ऑनलाइन मिलेगी राशि, लॉकडाउन की वजह से चुनौतियों से घिरे प्रदेश के स्कूल संचालकों को राहत

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निजी स्कूलों को संजीवनी, सरकार ने आरटीई के दिए 212 करोड़

निजी स्कूलों को संजीवनी, सरकार ने आरटीई के दिए 212 करोड़

सीकर. लॉकडाउन की वजह से आर्थिक चुनौतियों से घिरे प्रदेश के निजी स्कूलों को सरकार ने बड़ी राहत दे दी है। सरकार ने निजी स्कूलों को आरटीई के पेटे लगभग 212 करोड़ रुपए का बजट आवंटित कर दिया है। इससे प्रदेश के लगभग 25 हजार स्कूलों को कोरोनाकाल में 'संजीवनीÓ मिल सकेगी। राज्य सरकार के बजट आवंटित करने के बाद अब जिला शिक्षा अधिकारियों की ओर से स्कूलों को आरटीई के पुनर्भरण की राशि दी जाएगी। निजी स्कूल संचालकों के प्रतिनिधिमंडल ने पिछले दिनों शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा से जल्द आरटीई का पैसा दिलवाने की मांग की थी।

नवम्बर तक दावा करने वालों को भुगतान

प्रदेश के जिन गैर सरकारी विद्यालयों ने अपने दावा प्रपत्र 30 नवंबर 2019 तक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में भिजवा दिए थे उन्हीं स्कूलों को 2018-19 की पहली और दूसरी किश्त का भुगतान फिलहाल किया जाएगा। 15 जून तक राशि स्कूल संचालकों के खाते में भेजने के निर्देश दिए गए है। विभाग ने बजट आवंटन सैकण्डरी और प्रारंभिक सेटअप की दोनों स्कूलों को अलग-अलग दिया है।

यह है पूरा गणित

सैकण्डरी सेटअप के लिए 126 करोड़ व प्रारंभिक सेटअप के लिए 87 करोड़ का बजट आवंटन किया गया है। इस बार पोर्टल पर ऐसी व्यवस्था की गई हैं, कि जो गैर सरकारी विद्यालय अपना बिल पहले जेनरेट करेंगे जिला कार्यालय पहले उसी स्कूल का बिल बनाने के लिए बाध्य होंगे।

आंकड़ों में आरटीई

पिछले साल आरटीई में प्रवेश: 1.95 लाख

प्रति विद्यार्थी औसत खर्चा: 10 हजार से अधिक

अब प्रवेश के लिए आय का दायरा: 2.50 लाख

आरटीई में कितनी सीट आरक्षित: 25 फीसदी

इस साल आरटीई में प्रवेश की उम्मीद: 3.50 लाख से अधिक

किस जिले की कितनी स्कूलों को मिलेगा पैसा

अजमेर: 1429

अलवर: 1119

बांसवाड़ा: 517

बारां: 475

बाड़मेर: 606

भरतपुर: 1145

भीलवाड़ा: 935

बीकानेर: 1071

बूंदी: 517

चित्तौडगढ़: 660

चूरू: 894

दौसा: 811

धौलपुर: 568

डूंगरपुर: 390

श्रीगंगानगर: 935

हनुमानगढ़: 896

जयपुर: 4060

जैसलमेर: 248

जालौर: 765

झालावाड़: 457

झुंझुनूं: 857

जोधपुर: 1722

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करौली: 632

कोटा: 972

नागौर: 1411

पाली: 870

प्रतापगढ़: 253

राजसमंद: 461

सवाईमाधोपुर: 665

सीकर: 932

सिरोही: 361

टोंक: 672

उदयपुर: 799

इनका कहना है

आरटीई में अभावग्रस्त परिवारों के बच्चों को प्रवेश देने वाले निजी स्कूलों को जल्द पैसा मिल सकेगा। इसके लिए विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को बजट स्वीकृत कर दिया है।

गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री

लघु व मध्यम स्कूलों को सरकार के इस फैसले से सीधे तौर पर राहत मिलेगी। सरकार को अब तीन लाख रुपए की एफडी व बालिका फाउण्डेशन का पैसा भी निजी स्कूलों को दिलाना चाहिए जिससे और राहत मिल सके।

अनिल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष, स्कूल शिक्षा परिवार