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OMG : दिन में हिरण को बचाकर गांव वाले वनकर्मियों के पास लाए, शाम को वनकर्मियों ने किया हिरण के साथ इतना गंदा काम, चार गिरफ्तार

Saved the deer during the day, killed and ate it in the evening...दिवाली के दिन सवेरे श्री जंभेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था की टीम ने रेस्क्यू सेंटर में घायल हिरण को सौंपा था। शाम को टीम के लोग हिरण का हालचाल जानने के लिए वहां पहुंचे थे। लेकिन बताया जा रहा है कि वन विभाग के रेस्क्यू सेंटर में बैठे चारों लोग मीट खा रहे थे और शराब पी रहे थे।

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culprit arrest

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जयपुर. Rajasthan राजस्थान के (Nagour) नागौर शहर में गांव वालों ने अपनी जान पर खेलकर एक (Save dear) हिरण को बचाया। गांव वालों ने उस हिरण को बचाकर उसे वन विभाग के कार्मिकों के हवाले कर दिया। शाम को गांव वाले हिरण की तबियत जानने के लिए वन विभाग की चौकी पर गए तो पता चला कि वन विभाग कार्मिक हिरण को पकाकर खा गए। उसकी हड्डी और खाल बरामद की गई और शराब की बोतलें भी वहां पर मिली। उसके बाद गांव वालों ने हंगाम कर दिया। हंगामा बढता देख पुलिस मौके पर पहुंची और हिरण का मांस खाने वाले चारों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया।

दिवाली पर विश्नोई समाज ने बचाई थी जान
नागौर जिला मुख्यालय के गोगेलाव रोड पर स्थित वन विभाग के कन्जर्वेशन रिजर्व रेस्क्यू सेंटर की यह घटना है। दिवाली के दिन सवेरे श्री जंभेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था की टीम ने रेस्क्यू सेंटर में घायल हिरण को सौंपा था। शाम को टीम के लोग हिरण का हालचाल जानने के लिए वहां पहुंचे थे। लेकिन बताया जा रहा है कि वन विभाग के रेस्क्यू सेंटर में बैठे चारों लोग मीट खा रहे थे और शराब पी रहे थे। पूछताछ में पता चला कि उन्होनें हिरण को मार कर खा लिया। इस पर बवाल हुआ तो कोतवाली पुलिस को मौके पर बुलाया गया। पुलिस ने बताया कि वनरक्षक रामकिशोर व महेश चंद्र छुट्टी पर जाने के कारण विभाग द्वारा रेस्क्यू सेंटर की जिम्मेदारी कैटल गार्ड मुंशी खां, भंवरूराम कस्वां व चौकीदार जमाल खां को दी गई। मगर मुंशी खां ने अपने रिश्तेदार समीर को बुलाकर सेंटर में मीट व शराब पार्टी का आयोजन कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों में वन विभाग के दो कैटल गार्ड, एक चौकीदार व एक कैटल गार्ड का रिश्तेदार है। चारों से पूछताछ की जा रही है।


हिरण नहीं बकरे का बताया जा रहा मीट, जांच जारी
विश्नोई समाज से जुड़े लोगों का आरोप है कि विभागीय कार्मिक हिरण का मीट पका रहे थे। हालांकि वन विभाग का दावा है कि विश्नोई समाज के लोगों को सबूत देकर स्पष्ट कर दिया कि मीट हिरण का नहीं था। वहीं आरोपियों को बकरे के मीट के साथ ही गिरफ्तार किया है तथा मीट को जांच के लिए भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून भेजा गया है। वन विभाग के अफसरों का कहना है कि विश्नोई समाज के लोगों को आरोपियों के बताए अनुसार दुकान पर ले जाकर पुष्टि करवा दी कि मीट हिरण का नहीं है। वहीं सरकारी क्षेत्र में ऐसी पार्टी करना गलत है जिसके चलते चारों आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इधर जंभेश्वर पर्यावरण व जीव रक्षा के प्रदेशाध्यक्ष रामरतन विश्नोई ने राज्य भर से बुधवार को आपातकालीन बैठक बुलाकर कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। प्रदेशाध्यक्ष का आरोप है कि रेस्क्यू सेंटर में डॉक्टर तक नहीं है। रेस्क्यू की गाड़ी के रिकॉर्ड रजिस्टर में वन्यजीवों का सही तरीके से रिकार्ड भी दर्ज नहीं था।

चार हिरण लाए गए, नहीं मिला एक भी
27 तारीख को दो घायल हिरण व 28 तारीख को दो घायल हिरण लाने का रिकार्ड लिखा है जबकि रिजर्व कंजर्वेशन में रेस्क्यू सेंटर के रिकॉर्ड रजिस्टर में 26 तारीख के बाद में कोई वन्यजीव आया हुआ नहीं बताया गया है। जो विभाग पर सवाल खड़े करता है। वहीं संस्था के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि बासनी रोड स्थित एक होटल मालिक सलीम खां के भी आरोपियों के पास बार-बार फोन आ रहे थे। जिनके खिलाफ पहले से ही हिरण शिकार के मुकदमे दर्ज हैं। रात में दो बजे तक संस्था की टीम मौके पर मौजूद रही। मगर दोषियों के विरुद्ध की जा रही कार्यवाही के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुई है।