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जयपुर: खुदाई करते-करते निकल आई 292 वर्ष पुरानी महाराजा सवाई जयसिंह-II के समय की नहर, और फिर…

स्मार्ट सिटी के तहत त्रिपोलिया बाजार में यूटीलिटी डक्ट डालने के लिए खुदाई के दौरान 292 वर्ष पुरानी नहर निकल आई। ये नहर महाराजा सवाई मानसिंघ द्वितीय के समय की बताई जा रही है।

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Sawai Jai singh time Canal found smart city digging work in jaipur

जयपुर।

स्मार्ट सिटी (Samrt City) के तहत त्रिपोलिया बाजार में यूटीलिटी डक्ट डालने के लिए खुदाई शुरू की गई, इस दौरान दुकान नंबर 20 के सामने जैसे ही खुदाई शुरू की तो नीचे पुरानी नहर निकल आई। इसे देखकर स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने बाजार में डक्ट का काम रोक दिया। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के अनुसार अब इस नहर को एेतिहासिक लुक देने का प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके तहत यहां आर्ट गैलरी बनाने की कवायद की जा रही है। इसमें प्रवेश और निकास द्वार छोटी चौपड़ व बड़ी चौपड़ के खंदों में बनाए जाएंगे। इन्हें भी एेतिहासिक बनाने का प्लान किया जा रहा है। खुदाई के दौरान निकली ये नहर 292 साल पुरानी बताई जा रही है।

त्रिपोलिया बाजार में जमीन के नीचे लोगों को जयपुर का इतिहास देखने को मिलेगा। स्मार्ट सिटी के तहत बाजार में पुरानी नहर को डवलप कर एेतिहासिक बनाया जाएगा। जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी ने इस नहर को जीर्णोद्धार कर इसमें आर्ट गैलरी बनाने की तैयारी शुरू की है। बड़ी चौपड़ से छोटी चौपड़ तक इस नहर की लंबाई करीब 750 मीटर है, जिसका जीर्णोद्धार कर जनता के देखने के लिए खोला जाएगा।

वर्ष 1727 में बनी थी नहर
जयपुर फांउडेशन के संस्थापक अध्यक्ष सियाशरण लश्करी ने बताया कि परकोटे में पानी के लिए यह नहर जयपुर की स्थापना के समय वर्ष 1727 में सवाई जयसिंह द्वितीय (Sawai Jai Singh II) ने तैयार कराई थी। इसके लिए छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़ व रामगंज चौपड़ पर अलग-अलग कुंड बनवाए गए थे, जिससे लोग पानी भरते थे। इसके साथ शहर के सभी रास्तों के बाहर नहर पर मोखले बनाए गए थे, जहां से भी लोग पानी भरते थे। इस नहर में वर्ष 1908 तक पानी आता था और लोग उसे पीने के काम में लेते थे।

नहर की ऊंचाई कम होने से परेशानी भी
स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के अनुसार त्रिपोलिया बाजार में जो नहर निकली है, उसकी चौड़ाई और ऊंचाई काफी कम है, जो आर्ट गैलरी में बाधक हो सकती है। इस नहर की चौड़ाई 1.2 मीटर है और ऊंचाई करीब 2 मीटर ही है। एेसे में इसमें रोशनी की व्यवस्था करना बड़ा टेड़ा काम होगा। हालांकि अधिकारियों ने इसे देखते हुए छोटी चौपड़ और बड़ी चौपड़ के दोनों ओर 50-50 मीटर तक आर्ट गैलरी बनाने का प्लान भी तैयार किया है। साथ ही दोनों चौपड़ों के खंदों में बनाए जाने वाले प्रवेश और निकास द्वारों को भी आर्ट गैलरी के रूप में विकसित करने की तैयारी की है।

बाजार में बरामदों के पास डाली जाएगी यूटीलिटी डक्ट
स्मार्ट सिटी के तहत त्रिपोलिया बाजार में यूटीलिटी डक्ट बाजार में बीच में नहीं डाली जाएगी। बाजार के बीच में पुरानी नहर आने से यहां बरामदों के बाहर डक्ट डाली जाएगी।