इस साल स्वाइन फ्लू और डेंगू के मरीजों की संख्या 7 हजार को पार से कर चुकी है। स्वाइन फ्लू से अब तक 208 मौतों में से 35 मौतें जोधपुर में हुई है। इनमें से मौत के 19 मामले जयपुर जिले के हैं। इस बार तेज सर्दी पडऩे की उम्मीद है। स्वाइन फ्लू की बीमारी भी सर्दियों में ही काफी फैलती है। गत वर्ष स्वाइन फ्लू ने स्वास्थ्य विभाग के लिए काफी परेशानी पैदा कर दी थी। यही कारण है कि इस बार स्वास्थ्य विभाग ने मौसमी बीमारियों को लेकर पहले से ही अलर्ट जारी कर दिया है।
हालांकि चिकित्सा विभाग के अनुसार इस साल प्रदेश में डेंगू के मरीजों की संख्या पिछले साल की तुलना में करीब 50 प्रतिशत रही है। वहीं, चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर काफी गंभीर है। स्वास्थ्य मंत्री लगातार प्रदेश भर में अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संवाद किया और फील्ड में एक्शन प्लान बनाकर काम करने के निर्देश दे रहे है।
इस वर्ष बरसात का मौसम काफी लंबा चला। अक्टूबर दूसरे सप्ताह तक प्रदेश में बरसात हुई। बरसात के बाद डेंगू, मलेरिया और अन्य संक्रमण जनित बीमारियों का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। इसे देखते हुए भी स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर हो गया है। सभी जिलों में सीएमएचओ को निर्देश दिए हैं कि वे नियमित मॉनिटरिंग करें और जहां भी डेंगू, मलेरिया व अन्य मौसमी बीमारियों के मरीज सामने आए तो तुरंत विभाग को सूचना दें।
डेंगू के लक्षण
. डेंगू से पीडि़त व्यक्ति में वायरस 2.7 दिन तक रहता है।
. मच्छर के काटने के 4.7 दिनों इसके लक्षण दिखते हैं।
. बुखार तेजी से चढ़ता है और दिन में चार से पांच बार आता है।
. इस बुखार में प्लेटलेट्स का ध्यान रखना जरूरी है।
. बुखारए तेज बदन दर्दए सिर दर्दए शरीर पर दाने आ जाते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
. सुबह—शाम के समय पूरी बांह की शर्टए पैंट पहनें।
. मच्छर भगाने के लिए स्प्रेए मैट्सए मॉसक्वीटो कॉइल का प्रयोग
. कमरे को 1.2 घंटे के लिए बंद कर खिड़की.दरवाजे खोल लें।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
. नाक का लगातार बहना, छींक आना
. कफ, कोल्ड और लगातार खांसी
. मांसपेशियों में दर्द या अकडऩ
. सिर में भयानक दर्द
. नींद न आना, ज्यादा थकान
. दवा खाने पर भी बुखार का लगातार बढऩा
. गले में खराश का लगातार बढ़ते जाना
ऐसे करें बचाव
. स्वाइन फ्लू से बचाव इसे नियंत्रित करने का सबसे प्रभावी उपाए है।
. इसका उपचार भी अब मौजूद है।
. आराम, खूब पानी पीना, शरीर में पानी की कमी न होने देना
. शुरुआत में पैरासीटामॉल जैसी दवाएं बुखार कम करने के लिए दी जाती हैं।
. बीमारी के बढऩे पर एंटी वायरल से स्वाइन फ्लू का इलाज किया जाता है।
. डॅाक्टरी परामर्श के बाद ही दवा का सेवन करें।
बीमारियों का डाटा 2019
स्वाइन फ्लू
208 मौतें
5087 पॉजीटिव
35 सर्वाधिक मौतें जोधपुर में
19 मौतें जयपुर में डेंगू
535 पॉजीटिव जयपुर में
1500 पॉजीटिव
01 मौत मलेरिया से चिकनगुनिया
65 से अधिक मामले
20 मामले जयपुर में