
Good News: 20 सालों से बेड़ियों में जकड़े शख्स ने सालों बाद देखा खुला आसमान, तो ऐसे दी प्रतिक्रिया
Good Breaking News Hindi: दस वर्ष की उम्र में मानसिक संतुलन खो बैठे जितेन्द्र के लिए पिछले 20 वर्षों से आसमान ही छत है और धरती बिछौना था। दो दशक से वह बेड़ियों में जकड़ा हुआ था। जब उसे आजाद किया गया तो हर तरफ नया कुछ देख चेहरे पर खुशी के भाव दिखाई दिए। अचानक मानसिक संतुलन खो बैठे इस युवक के परिवार पर दुखों की काली छाया ने घर कर लिया। उसकी यह हालत देखकर गांव की ही अधिवक्ता काजल चौधरी ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में जितेन्द्र को राहत दिलाने का आग्रह किया। इस पर प्राधिकरण ने खींवसर उपखण्ड अधिकारी एवं थानाधिकारी को जितेन्द्र को बेड़ियों से मुक्त करवाकर इलाज करवाने के निर्देश दिए। इस पर उपखण्ड अधिकारी ने खींवसर पुलिस एवं ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कार्यवाही के निर्देश दिए। सोमवार को हैडकांस्टेबल बलवीरसिंह के साथ पांचलासिद्धा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की टीम मौके पर पहुंची। जितेन्द्र को बेड़ियों से मुक्त करवाकर जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती करवाया।
पिछले दो दशक से बेड़ियों में जकड़े पिपलिया के 30 वर्षीय मनोरोगी जितेन्द्र की उपखण्ड अधिकारी डॉ. धीरज कुमार सिंह ने सुध ली है। उच्च न्यायालय की अधिवक्ता की अपील व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशों पर एसडीएम ने तत्परता दिखाते हुए सोमवार को पुलिस एवं चिकित्सा विभाग की टीम के मौके पर भेजा। टीम ने जितेन्द्र को जोधपुर के जिला अस्पताल के मनोरोगी वार्ड में भर्ती करवाकर इलाज शुरू करवाया है। जितेन्द्र के इलाज को लेकर पिता बाबूलाल भांबू की आंखों में राहत के भाव नजर आए।
मां पहले से विकलांग
जितेन्द्र की मां पहले ही पैरों से पूरी तरह अपाहिज है। पिता ने बेटे को लेकर अनेक सपने संजोए थे, लेकिन उसकी दिमागी हालत ने उसे सांसारिक सुखों से दूर कर दिया और कलेजे के टुकड़े को बेड़ियों में जकड़ना पड़ा।
त्वरित की कार्यवाही
पिपलिया में मनोरोगी युवक के जंजीरों से जकड़े होने की जानकारी मिलते ही तत्काल चिकित्सा विभाग एवं पुलिस को निर्देशित किया गया। सोमवार को उसे जोधपुर के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया है साथ ही उचित देखभाल के निर्देश दिए।
डॉ. धीरज कुमार सिंह, उपखण्ड अधिकारी, खींवसर
Published on:
11 Apr 2023 06:02 pm
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