
शिवदासपुरा एयरपोर्ट की जमीन का नहीं होगा नियमन
शिवदासपुरा में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट कब बनेगा, यह तो भविष्य के गर्त में हैं, लेकिन एयरपोर्ट के चक्कर में यहां नियमन नहीं हो सकेगा। महाधिवक्ता ने यूडीएच की ओर से मांगी गई राय पर नियमन से इनकार किया है। एेसे में यहां रहने वाले लोगों के नियमन की आस को झटका लगा है।
बताया जा रहा है इलाके के कुछ बिल्डर्स ने अपनी योजनाओं के नियमन के लिए यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था। कृपलानी ने बिल्डर्स के मांग पर यूडीएच को महाधिवक्ता से राय मांगने के निर्देश दिए थे। इस पर यूडीएच ने महाधिवक्ता राय मांगी। एजी ने प्रस्तावित भूमि पर नियमन से इनकार कर दिया था। एजी ने राय दी है कि हाईकोर्ट ने राजस्थान पत्रिका के प्रधान सम्पादक गुलाब कोठारी की याचिका पर आदेश देते हुए नियमन पर रोक लगा रखी है। गौरतलब है कि सरकार ने शिवदासपुरा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट प्रस्तावित कर रखा है। एयरपोर्ट के लिए जमीन का चिन्हिकरण भी हो चुका है। जबकि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के नियमों के अनुसार यहां एयरपोर्ट का नियमन नहीं हो सकता है। नियमानुसार दो इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच में 150 किमी की दूरी होना आवश्यक है। जबकि सांगानेर एयरपोर्ट से शिवदासपुरा में प्रस्तावित एयरपोर्ट की दूरी करीब १५ से १७ किमी ही है।
जेडीए एक्ट में भी उल्लेख
जेडीए एक्ट की धारा 54 बी में भी साफ उल्लेख है कि अगर किसी भूमि को योजना के लिए आरक्षित किया जा चुका है तो उसका नियमन नहीं हो सकता। भले ही उस जमीन का अधिग्रहण नहीं किया गया हो। इसके अलावा यूडीएच मंत्री की ओर से गठित कमेटी ने भी नियमन से इनकार किया है।
२०९४ हैक्टेयर भूमि होगी अवाप्त
एयरपोर्ट के लिए २० गांवों की करीब २०९४ हैक्टेयर भूमि अवाप्त की जाएगी। अवाप्ति के बदल करीब ६ हजार करोड़ रुपए का मुआवजा आंका गया है। जेडीए नोडल एजेंसी की भूमिक में है। एेसे में अवाप्ति का पैसा भी जेडीए को ही जमा कराना पड़ेगा, लेकिन वर्तमान हालातों में यह संभव नहीं है। विरोध के चलते सरकार ने बाड़ा पदमपुरा व एक अन्य धार्मिक स्थल को योजना से बाहर कर दिया है।
Published on:
07 Jun 2018 07:56 pm
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