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कार्मिकों की कमी… अब किराए के अर्बन प्लानर-आर्किटेक्ट की सलाह से संवरेगा शहर

जेडीए में अपने अधिकारियों की कमी है और नई भर्ती की बजाय संविदा पर कार्मिकों की सेवाएं लेने का जेडीए ने प्लान तैयार कर लिया है। किराए पर अर्बन प्लानर-आर्किटेक्ट अब शहर को संवारेंगे। करीब 100 लोगों को विभिन्न एजेंसियों के जरिये जेडीए में संविदा पर लाने की तैयारी शुरू हो गई है। इनके लिए […]

जयपुर

Amit Pareek

Jul 22, 2024

jaipur

जेडीए में अपने अधिकारियों की कमी है और नई भर्ती की बजाय संविदा पर कार्मिकों की सेवाएं लेने का जेडीए ने प्लान तैयार कर लिया है। किराए पर अर्बन प्लानर-आर्किटेक्ट अब शहर को संवारेंगे। करीब 100 लोगों को विभिन्न एजेंसियों के जरिये जेडीए में संविदा पर लाने की तैयारी शुरू हो गई है। इनके लिए 16500 रुपए से लेकर 45000 रुपए प्रति माह पारिश्रमिक जेडीए ने तय किया है। सूत्रों की मानें तो इस निविदा में तीन फर्मों ने भाग लिया है। तीनों का तुलनात्मक अध्ययन करने के बाद ही जेडीए फैसला लेगा। इतना ही नहीं, पूरी प्रक्रिया में कहीं पर भी यह नहीं लिखा कि पूर्व में काम कर चुके संविदाकर्मियों को इस बार नहीं लिया जाएगा। जबकि, छवि सुधारने के लिए सेवानिवृत्त कार्मिकों को नौकरी देने के दौरान जेडीए ने पहले काम कर चुके कार्मिकों से दूरी बनाई थी।जानकारों की मानें तो जिन लोगों को हटाया गया था, वे ही वापस आने की जुगत में हैं और एक वरिष्ठ आइएएस इन लोगों की लॉबिंग भी कर रहे हैं। गौरतलब है कि जेडीए ने इस जनवरी में 30 अरबन प्लान और आर्किटेक्ट हटा दिए थे।ये आएंगे संविदा परआर्किटेक्ट, अर्बन प्लानर, ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्ट प्लानर विशेषज्ञ, लैंडस्केप आर्किटेक्ट, कंजर्वेशन आर्किटेक्ट, जीआइएस विशेषज्ञ, ऑटो कैड ऑपरेटर।

20 टाउन प्लानर कर रहे काम

जेडीए में 20 टाउन प्लानर काम कर रहे हैं। हाल ही नगर नियोजन विभाग ने 43 सहायक नगर नियोजकों की भर्ती की थी। इनमें से 26 को नियुक्ति पत्र भी मिल चुके हैं। इनकी पोस्टिंग होना बाकी है। इसके अलावा नगरीय विकास विभाग के करीब सात सहायक नगर नियोजक और उप नगर नियोजकों को आगामी आदेशों की प्रतीक्षा में रखा गया है।

खूब चली थी मनमानी

कांग्रेस सरकार में अर्बन प्लानर और आर्किटेक्ट की जेडीए में खूब मनमानी चली थी। जो जेडीए में सेवाएं दे रहे थे, उनमें से ज्यादातर प्राइम पोस्ट पर थे। कोई मास्टर प्लान शाखा में था तो किसी ने सिफारिश से अच्छे जोन ले लिए थे। बिल्डिंग प्लान कमेटी भी संविदा के अरबन प्लानर से ही चल रही थी। नोटशीट पर हस्ताक्षर से लेकर कॉलोनी के नक्शा पास कराने और पट्टा जारी करने के दौरान भी ये लोग हस्ताक्षर करते थे। नियम विरुद्ध काम को रोकने के लिए कई आदेश भी निकाले गए, लेकिन इनके आगे किसी की न चली।