
जयपुर. श्रद्धा हत्याकांड को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान के बाद राजनीति गरमा गई। गुजरात में चुनाव प्रचार कर रहे मुख्यमंत्री गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए इस हत्या को महज एक दुर्घटना बताते हुए एक समुदाय को बदनाम कर राजनीतिक रोटियां सेके जाने की बात कही थी।
गहलोत ने कहा कि कुछ लोग जुमले गढ़ रहे हैं। जबकि असलियत यह है कि सदियों से इंटरकास्ट शादियां होती आई हैं। गहलोत ने कहा कि धर्म के नाम पर राजनीति कर वोट तो आसानी से हासिल किए जा सकते हैं, लेकिन ऐसा करने वालों को यह जरूर सोचना चाहिए कि घर तोड़ना तो आसान है, लेकिन घर बनाने में जोर आता है।
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सतीश पूनिया ने खासी नाराजगी जताई
मुख्यमंत्री के इस बयान के तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने खासी नाराजगी जताई। उन्होंने गहलोत के इस बयान को तुष्टीकरण की पराकाष्ठा बताते हुए इस वीभत्स हत्याकांड के पीछे विचार और मानसिकता की लड़ाई बताई। पूनिया ने कहा कि इस तरह की राजनीति समाज के लिए चिंताजनक है। पूर्व मंत्री नाथूसिंह गुर्जर ने भी मुख्यमंत्री के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि उत्तरप्रदेश में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगने के बाद महिला अपराध का फोकस राजस्थान हो गया है।
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कांग्रेस का दोहरा चरित्र: त्रिवेदी
गहलोत के बयान पर अहमदाबाद में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कानून को अपना काम करने देना चाहिए। अशोक गहलोत के ही राज्य में ‘सिर तन से जुदा’ हो गया था, उस समय वे क्या कर रहे थे। पीएफआइ को उन्होंने रैली की मंजूरी दी थी। अपराध के मामले में कानून की कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन ये अपराधियों और आतंकवादियों में मजहब को ढूंढने लगते हैं। कहते हैं आतंकवाद का मजहब नहीं होता है, लेकिन आतंकवादी का मजहब ढूंढने लगते हैं। यह कांग्रेस के दोहरे चरित्र को दर्शाता है।
Published on:
22 Nov 2022 11:12 am
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