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SI Paper Leak: बेटे-बेटी ने अलग-अलग दिन दी परीक्षा, पेपर पूर्व RPSC सदस्य कटारा ने दिए

RPSC: एसओजी ने आरपीएससी के निलम्बित सदस्य बाबूलाल कटारा को मंगलवार को कोर्ट में पेश कर दस सितंबर तक रिमांड पर लिया है।

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Rajasthan Paper Leak: एसओजी ने उपनिरीक्षक भर्ती पेपर में आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामूराम राईका के बेटे व बेटी की भूमिका सामने आते ही आरपीएससी से पेपर कन्वीनर का नाम पता करने के लिए जानकारी मांगी थी। गोपनीयता का हवाला देकर आरपीएससी ने यह जानकारी देने से इनकार कर दिया था। जबकि गोपनीयता का रखवाला बाबूलाल कटारा परीक्षा से पहले ही पेपर सार्वजनिक कर चुका था।

उसने रामूराम राईका को बेटे व बेटी दोनों के लिए पेपर उपलब्ध करा दिया था। दोनों से पूछताछ में उसकी पुष्टि होने के बाद एसओजी ने आरपीएससी को दोबारा पत्र लिखकर पेपर बनाने की प्रक्रिया से जुड़ी सभी जानकारी मांगी है।

एसओजी यह जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है कि कटारा व राईका ने पेपर और किस-किस को दिया है। यही जानकारी जुटाने के लिए एसओजी ने आरपीएससी के निलम्बित सदस्य बाबूलाल कटारा को मंगलवार को कोर्ट में पेश कर दस सितंबर तक के रिमांड पर लिया है। पूर्व सदस्य राईका और उसका बेटा देवेश व बेटी शोभा सात सितंबर तक रिमांड पर हैं।

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देवेश ने 13 सितंबर 2021 को जयपुर में परीक्षा दी थी तथा शोभा ने 15 सितंबर 2021 को भरतपुर के सेंटर पर परीक्षा दी थी। पेपर सेट करने के लिए कन्वीनर कटारा था। उसने ही दोनों पेपर आरपीएससी के दूसरे सदस्य राईका दे दिए थे। एसओजी इस पड़ताल में जुटी है कि कटारा ने पेपर कब लीक किए। ताकि यह पता लगाया जा सके कि पेपर और किस-किस तक पहुंचा।

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डेढ़ साल से जेल में, फिर भी कटारा सदस्य

कटारा को एसओजी ने अप्रेल 2023 में वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके बाद वह अब उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद भी आरपीएससी से उसका कानूनी जुड़ाव खत्म न हुआ। वह वर्तमान में आरपीएससी का निलम्बित सदस्य है।

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भर्ती रद्द होने का डर, याद आया पुराना विभाग

उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा पास करने के बाद चयनित सूची में 143 अभ्यर्थी ऐसे थे, जो पहले से सरकारी नौकरी में थे। उन्होंने पुरानी नौकरी छोड़ कर थानेदार की नौकरी को चुना था। ट्रेनिंग के दौरान ही पेपर लीक का खुलासा हुआ और एसओजी की धरपकड़ शुरू हो गई।

ऐसे में कई अभ्यर्थियों ने पुराने विभाग में ही जाना उचित समझा। भर्ती के रद्द होने की आशंका के चलते ऐस अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ रही है। नियमानुसार नियमित (कन्फर्म) होने से पहले अभ्यर्थी पुराने विभाग में जा सकते हैं। इसके लिए दोनों विभागों से इजाजत जरूरी है।

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