
पत्रिका फाइल फोटो
SI Recruitment Cancelled: राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द करने के राजस्थान हाई कोर्ट के हालिया फैसले प्रदेश की राजनीति में भी भूचाल ला दिया है। इस फैसले के बाद सरकार की ओर से सर्टिफाइड कॉपी के लिए आवेदन न करने की चुप्पी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। दूसरी ओर, चयनित अभ्यर्थी इस फैसले के खिलाफ डबल बेंच और सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की तैयारी में जुट गए हैं।
इस बीच चयनित अभ्यर्थियों ने सड़कों पर उतरकर आंदोलन शुरू कर दिया है, जिसमें वे 'ईमानदारों को न्याय दो, दोषियों को सजा दो' जैसे नारे लगा रहे हैं।
राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द करने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए सर्टिफाइड कॉपी लेना पहला और अनिवार्य कदम है। लेकिन खबर लिखे जाने तक न तो सरकारी वकील और न ही किसी संबंधित अधिकारी ने इस दिशा में कोई कदम उठाया है।
सरकार की यह चुप्पी कई कयासों को जन्म दे रही है। क्या भजनलाल सरकार इस फैसले को स्वीकार कर चुकी है? या फिर सरकार अपील करने से पहले किसी रणनीति पर काम कर रही है? कानूनी जानकारों के अनुसार, किसी भी कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए सर्टिफाइड कॉपी जरूरी होती है। इसके बिना अपील की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकती।
कुछ जानकारों का मानना है कि सरकार ने भर्ती रद्द करने के फैसले को स्वीकार कर लिया हो, क्योंकि इस भर्ती में अनियमितताओं की जांच के लिए भजनलाल सरकार ने ही विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था। एसआईटी की रिपोर्ट में पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं के सबूत मिले थे, जो इस भर्ती को रद्द करने का आधार बने।
बताते चलें कि हाई कोर्ट के फैसले से सबसे ज्यादा प्रभावित चयनित अभ्यर्थी हैं, जिनमें से कई पहले ही पुलिस लाइन में अपनी सेवाएं दे रहे थे। इन अभ्यर्थियों को पुलिस रेंज और जिले आवंटित किए जा चुके थे। फैसले के बाद इनका भविष्य अधर में लटक गया है। चयनित अभ्यर्थी एक-दूसरे के संपर्क में हैं और कानूनी सलाह ले रहे हैं।
उनकी मांग है कि यदि भर्ती में कुछ उम्मीदवारों ने अनुचित तरीके अपनाए, तो केवल दोषियों को सजा दी जाए, न कि पूरी भर्ती रद्द की जाए।। उनकी दलील है कि कुछ लोगों की गलतियों की सजा पूरे बैच को क्यों दी जाए? इधर, शनिवार को चयनित अभ्यर्थी अपने परिजनों के साथ जयपुर में जिला कलेक्ट्रेट पर इकट्ठा हुए और फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
बताते चलें कि सरकार के सामने 3 प्रमुख विकल्प हैं-
फैसले को स्वीकार करना: सरकार हाई कोर्ट के फैसले को स्वीकार कर भर्ती रद्द करने का आदेश जारी कर सकती है। यह कदम राजनीतिक रूप से संवेदनशील हो सकता है, क्योंकि बीजेपी ने विपक्ष में रहते हुए इस भर्ती को बड़ा मुद्दा बनाया था।
डबल बेंच में अपील: सरकार हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील कर सकती है। यह सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन इससे मामला लंबा खिंच सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में अपील: सरकार सीधे सुप्रीम कोर्ट जा सकती है, लेकिन यह अंतिम विकल्प माना जाता है। यह प्रक्रिया लंबी और जटिल होगी।
शनिवार को कानून एवं विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि सरकार फैसले की समीक्षा कर रही है और उचित कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि अभी तक भर्ती रद्द नहीं हुई है, इसलिए सरकार यह भी आकलन कर रही है कि अपील करना जनहित में होगा या नहीं।
बताते चलें कि इस मामले में पुलिस महानिदेशक (DGP) और गृह विभाग की भूमिका अहम होगी। DGP कार्यालय को कोर्ट के आदेश की विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी। इसके बाद गृह विभाग विधि विभाग की राय लेगा और अपील करने या न करने का फैसला करेगा। अगर अपील नहीं की जाती, तो गृह विभाग के गृह ग्रुप-1 सेक्शन से भर्ती रद्द करने का आदेश जारी होगा।
Published on:
30 Aug 2025 07:56 pm
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