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जयपुर के SMS अस्पताल में घोर लापरवाही, गर्भवती को चढ़ा दिया गलत खून, महिला और पेट में पल रहे बच्चे की मौत

SMS Hospital: टोंक जिले के निवाई की रहने वाली 23 साल की गर्भवती महिला की बुधवार देर रात को जयपुर के SMS अस्पताल में गलत ग्रुप का खून चढ़ाने से मौत हो गई।

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जयपुर

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Kamal Mishra

May 23, 2025

SMS Hospital Jaipur

SMS हॉस्पिटल जयपुर (फोटो -पत्रिका)।

SMS Hospital:जयपुर। गर्भवती महिला की सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल में गलत ग्रुप का खून चढ़ाने के बाद मौत हो गई। SMS अस्पताल में फरवरी 2024 के बाद इस तरह की यह तीसरी घटना है। महिला को कम हीमोग्लोबिन और प्रेग्नेंसी से जुड़ी समस्याओं की वजह से अस्पताल में भर्ती किया गया था। गर्भवती महिला की शुरुआती जांच में A+ और बाद में B+ ग्रुप का खून पता चला। प्रदेश की सबसे बड़ी सरकारी अस्पताल में इस तरह के मामले से मरीजों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।

केस नंबर -1

12 फरवरी, 2024 को सड़क हादसे में घायल 23 वर्षीय सचिन शर्मा को SMS अस्पताल में सर्जरी के दौरान गलत खून चढ़ाए गया था, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई थी। 23 फरवरी को उसकी मौत हो गई। इस मामले में IPC की धारा 304ए के तहत FIR दर्ज की गई। सरकार ने एक नर्सिंग अधिकारी को निलंबित कर दिया और तीन डॉक्टरों को पोस्टिंग ऑर्डर की प्रतीक्षा में (एपीओ) रखा।

केस नंबर- 2

दिसंबर 2024 में जेके लोन अस्पताल के कर्मचारियों ने डीग जिले के मूसापुर गांव के रहने वाले 10 वर्षीय लड़के मुस्तफा को गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ा दिया। उसका ब्लड ग्रुप O+ था, लेकिन उसे 5 दिसंबर को AB+ और फिर 7 दिसंबर को O+ ब्लड चढ़ाया गया। अस्पताल के किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। 28 दिसंबर को इलाज के बाद लड़के को छुट्टी दे दी गई। चार महीने बाद उनकी मृत्यु हो गई।

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केस नंबर -3

टोंक जिले के निवाई की रहने वाली 23 वर्षीय चैना नाम की गर्भवती महिला को 12 मई के दिन हीमोग्लोबिन की कमी, टीबी और प्रेग्नेंसी से जुड़ी समस्याओं को लेकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 19 मई को उसके खून सैंपल का टेस्ट किया गया, जिसमें उसका खून A+ के रूप में पहचाना गया। महिला के शरीर में पहले से खून की कमी थी, ऐसे में 20 मई को मरीज को खून चढ़ाया जाने लगा, लेकिन इस दौरान गर्भवती महिला की हालत खराब हो गई। ऐसे में डॉक्टरों ने खून चढ़ाना बंद कर दिया।

महिला को गलत खून चढ़ाने के बाद क्या हुआ?

बाद में जब खून का टेस्ट किया गया तो पाया गया कि महिला का खून वास्तव में B+ था। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गलत समूह का खून चढ़ाने से गर्भवती को हेमट्यूरिया (मूत्र में रक्त आना) की समस्या होने लगी। इसके अलावा टैचीकार्डिया (तेज हृदय गति), बुखार और ठंड जैसे खतरनाक लक्षण दिखाई दिए।

डॉक्टरों ने गलत खून से इनकार किया

मामले की जांच के बाद SMS अस्पताल के ब्लड बैंक द्वारा बनाई गई रिपोर्ट में भी 19 मई को किए गए सैंपल ब्लड टेस्ट "ट्यूब में गलत रक्त" पाया गया। दूसरी तरफ डॉ. स्वाति श्रीवास्तव, जिनकी देखरेख में महिला अस्पताल में भर्ती थी, उन्होंने गलत समूह के खून के इस्तेमाल से इनकार किया है। उन्होंने कहा, "मैं उस समय छुट्टी पर थी। जब मैंने पूछा कि क्या हुआ, तो डॉक्टरों ने मुझे बताया कि जब उन्होंने रक्त चढ़ाना शुरू किया, तो महिला की हालत खराब हो गई।

महिला के परिजनों ने क्या बताया?

डॉ. स्वाति श्रीवास्तव ने कहा कि मरीज पहले से ही माइलरी टीबी से पीड़ित थी। गर्भ में भ्रूण की मृत्यु के बाद उसे और भी समस्याएं हो गईं थी। वहीं मरीज के जीजा प्रेम प्रकाश ने बताया कि उनके परिवार को गलत खून चढ़ाने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। खून चढ़ाने से पहले महिला आंख खोल रही थी, लेकिन खून चढ़ाने के बाद उसकी हालत खराब हो गई और मौत हो गई।

'महिला वेटिंलेटर पर अस्प्ताल में आई थी। मामले की पड़ताल की जा रही है।' दीपक माहेश्वरी, प्रिंसिपल SMS मेडिकल कॉलेज

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