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बॉडी के इस पार्ट से अफीम, नारियल में स्मैक, मूंगफली में चरस, जेल में तस्करी का नया चलनजयपुर। जेल में सक्रिय मादकपदार्थ तस्कर गिरोह के नित-नये पैंतरे बदल लेने के मामलों ने सुरक्षाकर्मियों को भी चौंका दिया है। एक समय में तस्कर जेल में स्मैक पहुंचाने के लिए पान के बीड़े का सहारा लेते थे। जेल में पान-गुटखे पर पाबंदी लगने पर तस्करों ने भी जेल में मादकपदार्थ पहुंचाने का नये-नये तरीके अपना लिए। पूजा के नाम पर जेल में नारियलय भेज कर स्मैक की आपूर्ति और मूंगफली में चरस की गोलियां भर जेल में तस्करी का नाया रास्ता निकाला लिया। यहीं नहीें तस्कर गिरोह में शामिल होमगार्ड के जवान तो अपने गुप्तांग में अफीम की थैली भरकर कैदियों को सप्लाई करने से भी नहीं चूके। जेल की सुरक्षा में तैनात आरएसी ने पिछले पांच साल में जेलों में मादक पदार्थ की तस्करी के 85 मामले दर्ज करवा होमगार्ड के 2 जवान सहित 39 रंगे हाथ धरदबोचा।
कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल और उसके गिरोह से सांठगांठ के मामले में बदनाम हुई अजमेर जेल के सुरक्षाकर्मियों के तार तस्करों से भी जुड़े हुए है। यही वजह है कि मादक पदार्थ के मामले में पिछले पांच साल गिरफ्तार 39 तस्करो में सबसे ज्यादा दस तस्कर अजमेर जेल से ही पकड़े गए हैं। इस वर्ष 28 जून को अजमेर जेल मे तैनात होमगार्ड के जवान शंकर सिंह के गुप्तांग से अफीम से भरी पॉलीथीन की थैली बरामद हुई। जयपुर सेंट्र जेल में भी गत 25 जून को होमगार्ड के जवान को गिरफ्तार कर जूते में छिपी 44 ग्राम चरस, 2 मोबाइल बरामद किए गए।
अजमेर जेल
अजमेर जेल में व्यायाम के लिए एक कैदी को स्पोटर््स शूज की इजाजत मिल गई। गत माह 27 जुलाई को जेल में आए इन जूतों के सोल में गड़बड़ी लगने पर जांच की गई तो उसमें से सौ ग्राम चरस बरामद की गई।
राजसमंद जेल
तस्करों ने जेल में पूजा सामग्री के जरिए भी नशा पहुंचाया। इस सामग्री में शामिल नारियल की जटा में स्मैक पुडिय़ा और खोल में गांजा भरकर चिपका दी। मामला सामने आया तो खुद सुरक्षाकर्मी भी यह तरीका देखकर चकित रह गए।
बांदीकुई जेल
मुंगफली को खोल को काट कर उसमें चरस की गोलियां भरने का मामला बांदीकुई जेल के सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ा। एक किलो मुंगफली के पैकेट को खोल कर देखा तो उसमें कुछ मुंगफलियों का खोल अलग लगा।
नशे की लत
जयपुर जेल में 80 फीसदी कैदियों को नशे की लत है। इससे छुटकारे के लिए जेल प्रशासन ने 3 मई को नशामुक्ति शिविर लगाया, जिसमें 51 कैदियों ने नशा छोडऩे का शपथ पत्र भी भरकर मादक पदार्थ से हमेशा के लिए दूर रहने की कसम खाई है।
स्केनर खराब
जयपुर-जोधपुर सेंट्रल जेल में बैग स्कैनर लगाए गए लेकिन जोधपुर का स्कैनर लगने के कुछ समय बाद से ही तकनीकी खराबी के कारण बंद पड़ा है। जयपुर सेंट्रल जेल के बंद पड़े स्कैनर को भी पिछले माह ही ठीक करवाया गया है।
रख रहे हैं नजर
- जेल में चैकिंग के उपकरण निर्धारित संख्या से काफी कम हैं। इसके बावजूद आरएसी के जवान सघन तलाशी के जरिए तस्करों पर नजर रखे हुए हंै।
रघुवीर सैनी, कपंनी कमांडर, आरएसी तेरहवीं बटालियन
Published on:
06 Aug 2018 08:28 am
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