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Jaipur News: जयपुर में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, देश का कच्चा माल बाहर नहीं जाना चाहिए

मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज की समस्याओं का समाधान कौशल विकास केन्द्रों से ही निकलता है। ऐसे केन्द्र हर जिले में होने चाहिए।

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Vice President Jagdeep Dhankar

Vice President Jagdeep Dhankar

रीको औद्योगिक क्षेत्र के अपैरल पार्क में सवा लाख वर्गफीट क्षेत्र में निर्मित सोहन सिंह स्मृति कौशल विकास केन्द्र का लोकार्पण बुधवार को हुआ। लघु उद्योग भारती की ओर से निर्मित इस केन्द्र पर वातानुकूलित कक्षों में प्रशिक्षण के साथ आधुनिक उपकरण, पुस्तकालय और अध्ययन सामग्री मिलेगी।

मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ रहे। उन्होंने कहा, आज की समस्याओं का समाधान ऐसे कौशल विकास केन्द्रों से ही निकलता है। ऐसे केन्द्र हर जिले में होने चाहिए। इससे संबंधित विभाग भी इसको लेकर सक्रिय है। सिर्फ डिग्री से ही कुछ नहीं होता, संतुलित विकास के लिए कौशल होना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि कच्चा माल देश से बाहर नहीं जाना चाहिए। उसका यहीं प्रसंस्करण करने से लोगों को काम मिलेगा। अधिकांश ऐसी वस्तुओं का आयात किया जाता है, जो यहीं पैदा होती हैं। इससे तीन तरह के नुकसान हैं। पहला विदेशी मुद्रा के भंडार में छेद होता है, दूसरा जो यहां के हाथ उसे बना सकते हैं, उन्हें काम नहीं मिलता और तीसरा यह कि यह लघु और मध्यम उद्यमियों पर अत्याचार होता है। उन्होंने कहा, एक दशक पहले तक हम डगमगा रहे थे, लेकिन अब आर्थिक शक्ति में पांचवें नबर हैं और जल्द तीसरे नबर पर होंगे।

ये पाठ्यक्रम संचालित

फैशन टेक्नोलॉजी, सुई शिल्प, एकाउंटिंग, जीएसटी व्यवसायी, डिजिटल मार्केटिंग, थ्री डी प्रिंटिंग, लकड़ी-पत्थर पर नक्काशी एवं कला कार्य, विद्युत सहायक और विद्युत वाहन रख रखाव पाठ्यक्रम संचालित है।

कौशल विकास केन्द्र पर ये सुविधाएं

  • * विशेषज्ञ प्रशिक्षकों की टीम
  • * डिजिटल क्लासरूम और ई-लर्निंग प्लेटफार्म
  • * 85 कक्ष उपलब्ध होंगे प्रशिक्षुओं के लिए
  • * कैंटीन और रेस्टारेंट की सुविधा
  • * वाई-फाई, इंटरनेट और वीडियो कॉन्फ्रेंस की सुविधा
  • * रोजगार के अवसर और प्लेसमेंट सुविधा

सांस लेने लायक हवा बची रहे ऐसा उद्योग मॉडल चाहिए

राष्ट्रीय स्वयंसेवक के संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा लघु और मध्यम उद्योगों से सबसे ज्यादा रोजगार मिलता है। करीब 8 करोड़ लोगों को छोटे और मध्यम उद्योगों से रोजगार मिला हुआ है। बड़े उद्योग भूजल को प्रदूषित करते हैं, नदियों को दूषित करते हैं और वायु प्रदूषित करते हैं। भारत की संस्कृति, प्रकृति और जीवन मूल्यों के अनुरूप उद्योग का मॉडल चाहिए। नदियों का पीने और नहाने लायक जल रहे और सांस लेने लायक हवा रहे ऐसे उद्योगों का मॉडल लाने की जरूरत है।

कुछ ताकतों को प्रगति नहीं पच रही

उपराष्ट्रपति ने कहा कि कुछ ताकतें ऐसी भी हैं, जिनको देश की प्रगति पच नहीं रही है। कार्यक्रम में उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, मंत्री मदन दिलावर, लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा, राजस्थान के अध्यक्ष शांतिलाल बालड़ मौजूद रहे।

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