
जयपुर। महाराष्ट्र में पहले से हमारे मुखबिर थे। उनसे पपला के कोल्हापुर में पहुंचने की पुख्ता सूचना मिली। इस पर जयपुर रेंज आइजी हवासिंह घुमरिया के निर्देशानुसार इसी माह कांस्टेबल संदीप और योगेश के साथ सड़क मार्ग से वहां पहुंचे। पपला जिस मकान में रहता था, वहां तीनों छात्र और कर्मचारी बनकर अलग-अलग पहुंचे और मकान मालिक से किराए पर कमरा लेने की बात की। मकान में भूतल पर मकान मालिक रहते थे और ऊपर की दोनों मंजिल सहित मकान में छह फ्लैट बने थे।
अन्य फ्लैट में दूसरे लोग किराए से रहते थे। पपला के ऊपर वाले फ्लैट में रहने की पुख्ता जानकारी मिली। उस पर लगातार निगरानी रखना चुनौती था। साथ में मकान में रहने वाले सभी लोगों की जान सुरक्षित रखना भी फर्ज था।
आइजी लगातार संपर्क में थे, जिनके दिशा निर्देश से आगे बढ़ते रहे। पुख्ता सूचना होने पर उन्होंने कमांडो कोल्हापुर भेजे। सभी कमांडो और अन्य पहुंचे अधिकारियों से तालमेल किया गया। मकान का नक्शा पूरी तरह से समझा। मकान के अंदर और नजदीकी घेरा विशेष कमांडो सहित 26 पुलिसकर्मियों ने संभाला। 27 जनवरी की देर रात करीब 2 बजे ऑपरेशन पपला शुरू किया।
सभी कमरों की कुंदी बाहर से बंद करते हुए ऊपर तक पहुंचे। इस दौरान हलचल से पपला जाग गया और खिड़की से वार्दीधारी कमांडो देख जिया जोर-जोर से रोने लगी। बोली ये लोग कौन हैं। पपला ने गेट अंदर से बंद कर लिया था। सबने अपनी-अपनी पॉजिशन ली और फिर पपला को गेट खोलकर समर्पण करने की चेतावनी दी। लेकिन उसने गेट नहीं खोला। 10 तक गिनती गिनने पर गेट नहीं खोला तो जबरन अंदर घुसने की चेतावनी दी।
जैसे ही गिनती शुरू की तो खाली हाथ पपला ने जिया को आगे करते हुए गेट खोला। इस दौरान भी जिया जोर-जोर से रो रही थी। पपला चारों तरफ से घिर देख पीछे बालकोनी से नीचे कूद गया। नीचे भी पहले से तैनात कमांडो ने उसको पकड़ लिया।
Published on:
31 Jan 2021 04:12 pm
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