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राजस्थान में गरीबों को आवास देने लिए सरकार ने बनाया ये प्लान, लेकिन बिल्डर-डवलपर्स बने रोड़ा, ​जानिए पूरा मामला?

Rajasthan Housing Board: शहरों की बदली जरूरतों को देखते हुए राज्य सरकार नई टाउनशिप नीति तैयार कर रही है। इस बीच बिल्डर-डवलपर्स भी सक्रिय हो गए हैं और टाउनशिप में गरीबों (ईडब्ल्यूएस व एलआईजी) के लिए निर्धारित प्लॉट-फ्लैट बनाने से बचना चाह रहे हैं।

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Jaipur News: शहरों की बदली जरूरतों को देखते हुए राज्य सरकार नई टाउनशिप नीति तैयार कर रही है। इस बीच बिल्डर-डवलपर्स भी सक्रिय हो गए हैं और टाउनशिप में गरीबों (ईडब्ल्यूएस व एलआईजी) के लिए निर्धारित प्लॉट-फ्लैट बनाने से बचना चाह रहे हैं। वे चाह रहे हैं उनकी योजना में ईडब्ल्यूएस व एलआईजी श्रेणी वर्ग के लिए प्लॉट या फ्लैट की बंदिश नहीं हो। इसकी जो भी लागत होगी वे संबंधित विकास प्राधिकरण, नगर विकास न्यास, नगरीय निकाय को दे देंगे और वे ही अपने स्तर पर इन्हें भूखंड या आशियाना उपलब्ध कराएं। इस संबंध में नगरीय विकास विभाग को प्रस्ताव भी दिया गया है।



टाउनशिप नीति में बिल्डरों पर अपने प्रोजेक्ट (5 हजार वर्गमीटर से बड़े भूखंड पर बनने वाले प्रोजेक्ट) में ईडब्ल्यूएस व एलआईजी वर्ग के लिए भी आवास बनाने की बंदिश है। यदि वे टाउनशिप में नहीं दे पा रहे हैं तो उसी जोन एरिया में उपलब्ध करना होगा। जबकि, प्लॉटेड योजना में 800 मीटर के दायरे में देने की बंदिश है। इस बीच नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी. रविकांत की अध्यक्षता में मंगलवार को बैठक हुई। इसमें भी स्टेक होल्डर्स ने कई और सुझाव भी दिए।


सरकार ने दूसरी लोकेशन पर फ्लैट बनाकर देने की छूट दी थी। ज्यादातर बिल्डरों ने मूल योजना की बजाय ऐसी जगह फ्लैट बना दिए, जो आबादी क्षेत्र से दूर है और वहां आने-जाने के साधन भी सुलभ नहीं है। इससे ऐसे ज्यादातर फ्लैट बिके ही नहीं। इसके बाद संशोधन किया गया। इसके प्रावधान भी बिल्डर-डवलपर्स को रास नहीं आ रहे।


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- 6.34 लाख आवास उपलब्ध कराने का था लक्ष्य

- 2.92 लाख आवास में ही लोग की पहुंच में, जहां मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध

- 4 से 5 फीसदी की दर से बढ़ रही आवास की जरूरत


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