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पानी का तलाई में जाने का रास्ता रोका…अब वह गली-गली घूम रहा

राजधानी के विस्तार में पानी निकासी के इंतजाम तो सरकारी मशीनरी भूली ही है, साथ ही परम्परागत स्रोतों को सहेजना भी भूल गई। जमीन महंगी हुई तो भूमाफिया सक्रिय हुए और शहर की सैकड़ों ताल-तलाई का पहले रास्ता रोक बहाव क्षेत्र को बदला गया और उसके बाद भूखंड सृजित कर करोड़ों रुपए कमा लिए। यही […]

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जयपुर

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Amit Pareek

Aug 25, 2024

jaipur

राजधानी के विस्तार में पानी निकासी के इंतजाम तो सरकारी मशीनरी भूली ही है, साथ ही परम्परागत स्रोतों को सहेजना भी भूल गई। जमीन महंगी हुई तो भूमाफिया सक्रिय हुए और शहर की सैकड़ों ताल-तलाई का पहले रास्ता रोक बहाव क्षेत्र को बदला गया और उसके बाद भूखंड सृजित कर करोड़ों रुपए कमा लिए। यही वजह है कि अब नव विकसित इलाकों में पानी गलियों में घूमता है। यहां रह रहे लोगों के सामने मुसीबत खड़ी हो जाती है। जेडीए ने जिन गांवों को मास्टरप्लान में शामिल किया, उन गांवों में न सिर्फ गोचर भूमि थी, बल्कि ताल-तलैया भी थीं। इनका रख-रखाव जेडीए ने नहीं किया।

ऐसे चलता जमीन हथियाने का खेल

-200 फीट बाइपास स्थित महाराणा प्रताप मार्ग की तलाई में करणी पैलेस रोड, बजरी मंडी रोड और पांच्यावाला रोड से पानी आकर भरता था। लेकिन, पिछले तीन वर्ष से तलाई का गला घोंटने का प्रयास किया जा रहा है। बहाव क्षेत्र के हिस्सों को ऊंचा कर दिया गया। रही-सही कसर भराव क्षेत्र में जेडीए ने थाने को जमीन अलॉट कर पूरी कर दी। अब तलाई के एक हिस्से में थाने की इमारत बनने का काम चल रहा है।

-गिरधारीपुरा कच्ची बस्ती में बरसात में तलाई लबालब होती थी। तलाई का जेडीए ने विकास नहीं कराया। अब तलाई का दायरा सीमित होकर रह गया। स्थानीय लोगों की मानें तो तलाई की जमीन पर कई भूखंड सृजित हो गए।

यों समझें विनाश की कहानी

-हरमाड़ा नहर का अस्तित्व खत्म हो गया। गणेश नगर, श्याम नगर, श्याम मित्र कॉलोनी, शेखावाटी नगर, श्री निवास नगर सहित कई कॉलोनियां बस गईं। स्थानीय लोगों की मानें तो ये नहर चौमूं पुलिया के पास आकर गिरती थीं।

-वीकेआइ स्थित आकेड़ा बांध पर भी कब्जे कर लिए गए। अतिक्रमणकारियों ने कचराल नदी का तो अस्तित्व ही खत्म कर दिया।

-खोह नागोरियान के तालाब पर कब्जे हो गए। इसी तरह भावगढ़ बंध्या, लूनियावास में भी भूमाफिया ने कॉलोनी बसा दी।

-कालवाड़ रोड स्थित कालक डैम के बहाव क्षेत्र से भराव क्षेत्र में कब्जे हो गए।

जगन्नाथ सरोवर: पानी आया, लेकिन भराव क्षेत्र कम

गोनेर रोड स्थित जगन्नाथ सरोवर में तेज बारिश के दौरान पानी तो आ गया लेकिन गहराई कम होने से भराव क्षेत्र बहुत कम हो गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि जेडीए यदि तालाब को गहरा करा दे तो और पानी आ सकता है। यह तालाब तीन नहरों के पानी से भरता है, लेकिन नहर पर अतिक्रमण तक कर लिए गए। एक नहर के पास की जमीन पर कॉलोनी सृजित की गई तो एक पर लोगों ने कब्जा जमा लिया।