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चौदह लड़ाइयों का साक्षी रहा है ये किला, सैकड़ों सालों से बिना नींव के पानी के बीच है खड़ा

राजस्थान का ये किला जिसकी नहीं है नीव,दुश्मनों से खुद को बचाने के लिए महिलाओं ने किया था जौहर

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जयपुर

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Rajesh

May 04, 2018

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जयपुर
राजस्थान की भूमि में ऐसा कोई फूल नहीं उगा जो राष्ट्रीय वीरता और त्याग की सुगन्ध से भरकर न झूमा हो। वायु का एक भी झोंका ऐसा नहीं उठा जिसके साथ युद्ध देवी के चरणों में साहसी युवकों का उत्थान न हुआ हो। वैसे गढ़ और किले की जब भी हम करते है तो हमारे ज़हन में सबसे पहले एक ही नाम आता है। वो है 'राजस्थान', क्योंकि दुनिया की बात करें तो सबसे ज्यादा किले राजस्थान में ही मौजूद है।

यहां हजारों महिलाओं ने किया था जौहर

आज हम आपको एक ऐसे किले के बारे में बताने जा रहे है जिसकी कोई नींव ही नहीं है। जी हां राजस्थान के झालावाड़ जिले में स्थित ये किला जिसकी नींव ही नहीं है और ये किला चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है।

राजस्थान का ये गागरोन किला अपने गौरवमयी इतिहास के लिए भी काफी जाना जाता है। इतना ही नहीं इस किले में ही राजपूत महिलाओं ने खुद को दुश्मनों से बचाने के लिए जौहर तक कर लिया था। इस किले का निर्माण दोड़ राजा बीजलदेव ने करवाया था। ये भारत का एकमात्र ऐसा किला किला जो चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है इसलिए इस किले को जलदुर्ग के नाम से भी जाना जाता है।

खासियत से भरा हुआ है ये किला

इस किले के दो मुख्य द्वार हैं। एक द्वार नदी की ओर निकलता है तो दूसरा पहाड़ी रास्ते की ओर। इस किले का इस्तेमाल दुश्मनों को मौत देने के लिए किया जाता था। दुश्मनों से अपनी रक्षा के लिए हजारों महिलाओं ने मौत को गले लगा लिया था। ये किला आसपास की हरी भरी पहाडिय़ों की वजह से पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इतना ही नहीं यहां पर दूर- दूर से लोग आकर पार्टियां करते है, ये किला पर्यटकों के लिए बहुत ही बेहतर पिकनिक स्पॉट भी है।