
जयपुर। राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए 21 अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 18 मामलों का निस्तारण करते हुए 5 प्रकरणों में अभियोजन स्वीकृति जारी की, जबकि 4 अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को विस्तृत जांच की अनुमति दी। सेवानिवृत्त 4 अधिकारियों की पेंशन रोकने का आदेश दिया गया, जिनमें से 2 की पूरी पेंशन रोक दी गई। वहीं, 7 अधिकारियों की वेतन वृद्धि रोकी गई। सरकार का यह कदम भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और प्रशासनिक कार्यप्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा संदेश देता है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य सेवा के अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही एवं अभियोजन स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ने राज्य सेवा के अधिकारियों के विचाराधीन 18 प्रकरणों का निस्तारण करते हुए कुल 21 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
शर्मा ने भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 के तहत कुल 5 प्रकरणों में अभियोजन स्वीकृति जारी की तथा 4 अधिकारियों के विरूद्ध धारा 17-ए में भ्रष्टाचार के आरोपों की विस्तृत जांच/अनुसंधान की पूर्वानुमति भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को प्रदान की। सेवानिवृत्त अधिकारियों के पुराने प्रकरणों का निस्तारण करते हुए 4 अधिकारियों को पेंशन रोके जाने के दण्ड से दण्डित किया गया, जिसमें से 2 प्रकरणों में शत-प्रतिशत पेंशन रोके जाने का निर्णय किया गया।
इसी प्रकार सेवारत अधिकारियों के 5 प्रकरणों में 7 अधिकारियों के विरूद्ध विभिन्न आरोपों के प्रमाणित पाए जाने से संबंधित अधिकारियों की वार्षिक वेतन वृद्धियां रोके जाने के दण्ड से दण्डित किए जाने का निर्णय किया। 2 प्रकरणों में सेवानिवृत्त अधिकारियों के विरूद्ध प्रमाणित आरोपों के जाचं निष्कर्ष को अनुमोदित किया गया।
Published on:
02 Apr 2025 10:17 am
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