
प्रदेश में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर जिला अस्पतालों में सेवारत चिकित्सक नहीं होने से हालात भयावय बन रह है। राजस्थान के सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल जारी रहने से चिकित्सा सेवाओं से जुड़ी परेशानियों का सामना करने के लिए जयपुर में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। जयपुर कलेक्ट्रेट स्थित कमरा नंबर 17 में स्थापित इस कंट्रोल रूम पर जिला कलेक्टर सिद्धार्थ महाजन ने 4 अधिकारी नियुक्त किए हैं। व्यक्तिगत रूप में अथवा कन्ट्रोल रूम के फोन नंबर 0141-5165265 और 0141-2204475 पर संपर्क किया जा सकता है। लेकिन इस नियंत्रण कक्ष की हकीकत कुछ और ही है।
जहां एक ओर बिना इलाज के अस्पतालों में मरीजों के हाल बेहाल हो रहे है वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुचारू बनाए रखने के लिए स्थापित इस नियंत्रण कक्ष के अफसरों का कहना है कि किसी भी जिले से परेशानी की सूचना नहीं है। प्रदेश के दस हजार सेवारत चिकित्सकों के इस्तीफा देने के बाद प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक हालात खराब है। लेकिन हालातों का फीडबैक लेने के लिए स्वास्थ्य भवन में शुरू किया गया नियंत्रण कक्ष और उसमें तैनात किए गए अफसर अस्पतालों के हालात से पूरी तरह से बेखबर है।
आज सुबह जब स्वास्थ्य भवन स्थित नियंत्रण कक्ष में तैनात अधिकारियों से पूछा गया कि रात में प्रदेश भर से किसी अस्पताल से मरीजों को उपचार कराने में परेशानी की सूचना है तो अधिकारियों ने बताया कि किसी भी जिले से किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं है। वहीं किसी भी जिले से किसी भी अस्पताल में मरीजों को को कोई परेशानी हुई हो ऐसी सूचना नहीं है। उधर प्रदेश भर में सेवारत चिकित्सकों के अस्पतालों में नहीं पहुंचने से पूरे दिन चिकित्सा व्यवस्थाएं धराशाई रही। मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से जिला अस्पतालों तक इलाज के लिए तरसते रहे लेकिन उनको इलाज नहीं मिल सका।
आपको बता दें कि स्वाथ्य विभााग के वैकल्पिक इंतजामों के कागजी दावों के बाद भी करौली जिला अस्पताल में इलाज के अभाव में एक बच्चे की मौत हो गई। वहीं हालात ऐसे हैं कि जिला अस्पतालों में शवों का पोस्टमार्टम नहीं हो पा रहा है। जयपुर शहर की डिस्पेंसरियों और जयपुर जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सक नहीं मिलने से अब मरीजों का दवाब एसएमएस अस्पताल पर बढ़ने लगा है। सोमवार को एसएमएस अस्प्ताल के धन्वंतरि आउटडोर में मरीजों का आंकडा 10 हजार के पार पहुंच गया। जिससे आउटडोर में व्यवस्थाएं बनाना अस्पताल प्रशासन के लिए मुश्किल हो गया।
गौरतलब है कि पिछले तीन माह से सरकार डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है। राजस्थान के सरकारी डाॅक्टर सरकार से मांगे पूरी नहीं होने पर सोमवार से हड़ताल पर चले गए है। रविवार देर रात तक इनकी सरकार से वार्ता चली लेकिन बेनतीजा रही।
Published on:
07 Nov 2017 12:20 pm
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