
Jagannath Sagar Lake
देवेन्द्र सिंह / जयपुर. राजधानी जयपुर से सटे गोनेर के प्राचीन जगन्नाथ सागर तालाब में 13 साल बाद पानी की बंपर आवक हुई है। इस बार मानसूनी बरसात से सरोवर पूरी तरह से लबालब हो चुका है और छलकने को बेताब है। तालाब छलकने में घाट की केवल दो पेड़़ी ही शेष बची है। ऐसा करीब 13 साल बाद हुआ है। इससे पहले 2011 में सरोवर लबालब भरा था। जगन्नाथ सागर में वर्षा जल की बंपर आवक होने से लोगों में खुशी की लहर है
500 साल पुरानी है परंपरा
जगन्नाथ सागर तालाब में जल झूलनी एकादशी पर हर साल भगवान जगदीश महाराज को नौका विहार कराने की 500 साल पुरानी परंपरा रही है। इस बार जल झूलनी एकादशी 14 सितंबर की है। इस दिन शाम 5 बजे भगवान लक्ष्मी जगदीश पालकी में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे और जगन्नाथ सागर में नौका विहार करेंगे। इस मनोरम दृश्य का साक्षी बनने के लिए जयपुर जिले के अलावा दौसा, करौली, भरतपुर, सवाई माधोपुर, टोंक आदि जिलों से भी हजारों की संख्या में भक्त इस आयोजन के साक्षी बनने के लिए शामिल होते हैं। मंदिर से लेकर सरोवर तक ठाकुरजी की डोल यात्रा शोभायात्रा के साथ निकाली जाती है, लेकिन करीब 13 साल से जगन्नाथ सागर सरोवर में पानी नहीं आने से नौका विहार की परंपरा का निर्वहन नहीं हो पा रहा था। इस बार कई दशकों बाद जलझूलनी एकादशी के दिन तालाब लबालब रहेगा।
बोटिंग तो हुई नहीं, उग आए झाड़
तकरीबन 125 करोड़ के गोनेर हैरिटेज विलेज प्रोजेक्ट में जेडीए ने प्रसिद्ध लक्ष्मी जगदीश मंदिर को धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के साथ ही जगन्नाथ सागर को स्मार्ट तालाब बनाने की योजना बनाई। जगन्नाथ सागर में बोटिंग शुरू और हरियाली विकसित का प्लान बनाया, जो अब तक कागजों में ही है। बिहारी लाल शर्मा सरपंच का कहना है कि जगन्नाथ सागर इस बार भले ही लबालब हो गया है, इसमें कंटीले झाड़ उगे हुए हैं। बारिश से पहले जेडीए को तालाब के भराव क्षेत्र में कंटीली झाड़ियों को कटवानी थी। लेकिन ना तो ग्राम पंचायत ने इस ओर ध्यान दिया और ना ही जेडीए ने। ऐसे में इस बार तालाब में भगवान को नौका विहार करवाना बहुत ही चुनौती पूर्ण रहेगा। नौका विहार के दौरान श्रद्धालु फलों की उछाल भी करते है, जिसे लूटने के लिए कई युवक तालाब में तैरते है। ऐसे में उनके कंटीली झाड़ियों में फंसने या जख्मी होने का खतरा रहेगा।
तालाब में गंदगी का अंबार
पुजारी किशोर दास का कहना है कि जगन्नाथ सागर की पाल के चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है। गोनेर में लक्ष्मी जगदीश भगवान के बड़ी संख्या में सवामणी प्रसादी करने वाले आते हैं। जिनकी झुठी पत्तल-दोने व दुकानों का कचरा लोग पाल के किनारे पर या बहाव क्षेत्र में फैंक जाते हैं। इसके कारण सागर की पाल के चारों ओर गंदगी पसरी हुई है। तालाब की पाल पर व इसके आस पास कई धर्मशालाएं बनी हुई है, जिनका कचरा भी यही फैंका जाता है।
तालाब में तैरने पर लगाएंगे पाबंदी
पंचायत के पास इतना बजट नहीं है कि तालाब की सफाई करवा सके। इसके लिए जेडीए व मंदिर प्रशासन को सहयोग करना चाहिए। रही बात गंदगी की तो हमने दुकानदारों से कई बार इस बारे में समझाइश की है। लेकिन इसके बावजूद रात के समय दुकानदार कचरा फैंक जाते है। इस बार एकादशी पर तालाब में तैरने पर पाबंदी लगाएंगे।
मीना पटवा, सरपंच, ग्राम पंचायत गोनेर
जेडीए निभाए अपनी जिम्मेदारी
पहले तालाब पंचायत के अंडरटेकिंग में था, लेकिन जब से जेडीए ने इस अपने क्षेत्राधिकार में लिया है तब से तालाब की कोई सुध लेने वाला नहीं है। जेडीए को चाहिए कि वह तालाब का रखरखाव अच्छी तरह से करे।
महंत नारायण दास, मंदिर श्री विजय हनुमान मंदिर
तालाब से आस्था जुड़ी
जगन्नाथ सागर तालाब से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। सरकार को चाहिए कि इसकों स्वच्छ बनाए रखने में पंचायत का सहयोग करे।
महंत हनुमान दास, अध्यक्ष श्रीलक्ष्मीजगदीश मंदिर प्रबंध समिति
Updated on:
12 Sept 2024 03:01 pm
Published on:
12 Sept 2024 02:37 pm
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