शहर के बीचों—बीच स्थित इस खूबसूरत परिसर में कई इमारतें, विशाल आंगन और आकर्षक बाग हैं जो इसके राजसी इतिहास की निशानी है। हवा महल से मात्र 1 किमी के अंतर पर इस इमारत को 1732 में तैयार किया गया। सिटी पैलेस मुगल और राजस्थानी स्थापत्य कला का एक बेहतरीन नमूना है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस पैलेस के एक हिस्से में अब भी जयपुर का शाही परिवार रहता है। जलेब चौक, जंतर—मंतर व त्रिपोलिया बाजार पास ही में पड़ते हैं। यहां महारानी पैलेस या क्‍वीन पैलेस भी स्थित है जहां 15वीं सदी के भी कई हथियार आज भी मौजूद हैं। यहां के संग्रहालय में हाथी दांत तलवारें, चेन हथियार, बंदुक, पिस्‍टल, तोपें, प्‍वाइजन टिप वाले ब्‍लेड और गन पाउडर के पाउच भी प्रर्दशन के लिए रखे गए हैं। टूरिस्ट्स के लिए सिटी पैलेस सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है। अंदर जाने के लिए भारतीयों को 75 रु. और विदेशियों को 300 रू. की टिकट लेनी होती है।
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