
Sukarma Yog , Dhritimana Yog , Dhriti Yog , Ghriti Yog
जयपुर. ज्योतिष में जन्म समय के योग जातक के व्यवहार—विशेषता, गुण—अवगुणों के बारे में बहुत कुछ जानकारी दे देते हैं। 27 सितंबर 2020 को सायं 07 बजकर 21 मिनट तक सुकर्मा योग रहेगा। इसके बाद घृतिमान योग प्रारंभ हो जाएगा। आप भी जानिए इन योगों में जन्म लेनेवाले बच्चे आखिर कैसे होंगे!
सुकर्मा योग
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि सुकर्मा योग में पैदा होनेवाले जातक धनी होते हैं। योग का स्वामी सूर्य होने से जातक राजनीति में गहरा लगाव रखता है। ऐसे व्यक्ति अक्सर सरकारी नौकरी में भी रहते हैं। इसके अलावा ऐसे लोग प्राय: उत्कृष्ट व्यापारी, इंजीनियर या वास्तुविद भी बनते हैं। जातक का चेहरा चौकोर, हाथों की उंगलियां पतली और कलाकारी से पूर्ण होती हैं। इन लोगों को खूब भूख लगती है। इन्हें जीवनभर प्रचुर धन प्राप्त होता है। ईश्वरीय कृपा से सभी सुख मिलते हैं। ऐसे लोगों का अजीब प्रतिद्वंदी या विरोधियों से पाला पडता है पर आखिरकार ये उनसे पार पा लेते हैं। जातक अपने जीवनसाथी को हर तरह से संतुष्ट रखते हुए विरोधी यौन संबंधों की ओर अधिक आकर्षित होता है।
धृति या घृतिमान योग
इस योग के स्वामी शनिदेव हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार ऐसे जातक जन्म के बाद ही सर्दी आदि से परेशान रहते हैं। उम्र के दूसरे भाग में दूसरों की सेवा करने के बाद ही आजीविका मिल पाती है। इनका जीवनसाथी बहुत क्रोधी होता है. जातक की माता की मृत्यु लंबी बीमारी के बाद होती है। धृति योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति अंदर ही अंदर बेचैन और परेशान रहता है,पर धैर्यवान बना रहता है। ये विपरीत यौन संबंधों के प्रति झुकाव रखते हैं। कुशल निर्णय लेने की क्षमता रहती है, घूमने की बहुत इच्छा होती है। कभी—कभी एक दौरा सा पडता है और जातक कामकाज छोडकर बैठ जाता है। अक्सर झूठ बोलते हैं, नीच की संगति करते हैं, जातक को काला रंग पसंद होता है। किराए आदि के छोटे से मकान में ही रहते हैं।
Published on:
27 Sept 2020 11:28 am
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