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कोटा में छात्रों की आत्महत्या से आहत सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार, छात्रों के नाम दिया ये संदेश

राजस्थान के कोटा में लगातार छात्रों की खुदकुशी से सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार आहत हैं। उन्‍होंने कहा कि मैंने 4 घंटे के भीतर दो छात्रों की आत्महत्या के बारे में सुना। इसने मुझे गहराई से झकझोर कर रख दिया है।

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जयपुर/पटना। राजस्थान के कोटा में लगातार छात्रों की खुदकुशी से सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार आहत हैं। उन्होंने कोचिंग संचालकों से आग्रह किया है कि वो अपने संस्थानों को सिर्फ आय का स्रोत ना समझें। सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर आनंद कुमार ने छात्रों से सिर्फ एक विफलता के आधार पर कोई भी चरम निर्णय नहीं लेने की अपील की है।

उन्‍होंने कहा कि मैंने 4 घंटे के भीतर दो छात्रों की आत्महत्या के बारे में सुना। इसने मुझे गहराई से झकझोर कर रख दिया है। मैं हर कोचिंग संचालक से अपील करना चाहता हूं कि वे अपने संस्थान को सिर्फ कमाई का जरिया न बनाएं। कृपया उन छात्रों का अपने बच्चों की तरह ख्याल रखें।

उन्होंने आगे कहा कि मैं छात्रों से यह भी कहता हूं कि एक परीक्षा में इतनी ताकत नहीं है जो आपकी प्रतिभा को समझ सके। आपके जीवन में सफल होने के कई तरीके हैं। मैं माता-पिता से भी अपील करना चाहता हूं कि वे अपने बच्चों से वह उम्मीद करने से बचें जो आपने अपने जीवन में हासिल नहीं किया है।

जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सालाना 2 से 2.50 लाख विद्यार्थी कोचिंग के लिए कोटा आते हैं। प्रदेश के दूसरे शहरों के आंकड़ों को जोड़ें तो यह संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है।

कोटा के कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र स्थित लैण्डमार्क सिटी में एक मल्टीस्टोरी में रहकर नीट की तैयारी कर रहे बिहार के रोहिताश जिला निवासी आदर्श ने रविवार को आत्महत्या कर ली थी। छात्र की मौत के बाद उसकी सगी बहन शिवानी और बुआ का लड़का आशीष सदमे में है। परिजन दोनों को कोटा से घर ले जा रहे हैं। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद छात्र का शव परिजनों को सौंप दिया।

आशीष ने बताया कि आदर्श के साथ बचपन गुजारा। साथ पढ़े-लिखे, अब वो इस दुनिया में नहीं है। साथ रहने के दौरान ही उसने इतना बढ़ा कदम उठा लिया। आशीष ने बताया कि वह तीनों साथ रह रहे थे। फ्लैट में सबके कमरे अलग-अलग थे। रविवार को वह कोचिंग से फ्लैट पर आया था। खाना बनाया। तीनों से साथ खाना खाया।


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आदर्श की तबीयत कुछ खराब थी, तो वह अपने कमरे में सोने चला गया। शाम को शिवानी ने उसे खाना खाने के लिए आवाज लगाई तो उसने कमरा नहीं खोला। दरवाजा तोड़कर देखा तो पता चला उसने आत्महत्या कर ली। टेस्ट में कम नम्बर आने से वह परेशान चल रहा था। छात्र के चाचा पप्पू सिंह ने कहा कि जो होना था हो गया। होनी को कोई नहीं टाल सकता। आदर्श के साथ रहने वाले उसके भाई बहन ही उसके इस कदम को भांप नहीं पाए।