
सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला, ग्रेटर नगर निगम सौम्या गुर्जर की जा सकती है कुर्सी
जयपुर नगर निगम ग्रेटर महापौर सौम्या गुर्जर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से पेश न्यायिक रिपोर्ट के आधार पर महापौर पर कार्रवाई के लिए स्वतंत्र कर दिया है। कोर्ट ने दो दिन यानि 25 सितंबर के बार कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। ऐसे में संभावना बढ़ गई है कि सरकार गुर्जर को महापौर पद से बर्खास्त कर सकी है। गुर्जर और अन्य तीन पार्षदों के खिलाफ जून 2021 में शुरू की गई न्यायिक जांच की रिपोर्ट पिछले महीने 10 अगस्त को सरकार को पेश की गई थी, जिसमें सौम्या समेत अन्य 3 पार्षदों को दोषी पाया गया था। इस रिपोर्ट को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था और मामले पर जल्द से जल्द सुनवाई की मांग की थी।
जयपुर नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय में मेयर सौम्या गुर्जर के चैम्बर में 4 जून 2021 को एक बैठक के दौरान सारा मामला हुआ। तत्कालीन कमिश्नर यज्ञमित्र सिंह देव से फाइल पर साइन करवाने की बात पर पार्षदों और मेयर की देव के साथ गर्मागर्मी हो गई। कमिश्नर बैठक को बीच में छोड़कर जाने लगे। इस दौरान पार्षदों ने उन्हें गेट पर रोक दिया, जिसके बाद विवाद बढ़ गया। कमिश्नर ने पार्षदों पर मारपीट और धक्का-मुक्की करने का तीनों पार्षदों पर आरोप लगाते हुए सरकार को लिखित में शिकायत की और ज्योति नगर थाने में मामला दर्ज करवाया।
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इसके बाद सरकार ने सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों को निलंबित कर दिया था। कोर्ट से निलंबन पर स्टे मिलने के बाद सौम्या ने इस साल 2 फरवरी को वापस मेयर की कुर्सी संभाली थी। इस दौरान न्यायिक जांच में महापौर व तीन अन्य पार्षद दोषी पाए गए थे। सरकार ने वार्ड 72 से भाजपा के पार्षद पारस जैन, वार्ड 39 से अजय सिंह और वार्ड 103 से निर्दलीय शंकर शर्मा सदस्यता को खत्म कर दिया है।
Published on:
23 Sept 2022 03:06 pm
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