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नई बीमारी GBS का खौफ शुरू, कई राज्यों में बढ़े मामले, जानें राजस्थान के लिए क्या बोले वरिष्ठ चिकित्सक

GBS Disease In Rajasthan: जीबीएस एक दुर्लभ लेकिन गंभीर तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही तंत्रिकाओं पर हमला करने लगती है, जिससे मांसपेशियों की कमजोरी और लकवा जैसी स्थिति हो सकती है।

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Guillain Barre Syndrome Cases: गुलियन बैरी सिंड्रोम (जीबीएस) को लेकर देश के कुछ राज्यों (महाराष्ट्र, झारखंड) में मामले बढ़े हैं, लेकिन राजस्थान में स्थिति सामान्य बनी हुई है। एसएमएस अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सकों ने स्पष्ट किया है कि, घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सतर्क रहना जरूरी है।

वर्तमान में एसएमएस अस्पताल में कोई भी मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर नहीं है और इस महीने जीबीएस से कोई मौत दर्ज नहीं हुई है। विशेषज्ञों ने बताया कि यह बीमारी संक्रामक नहीं है। हालांकि, निजी अस्पतालों में इसका इलाज महंगा है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में यह नि:शुल्क उपलब्ध है।

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हर महीने पांच से सात केस

न्यूरोलॉजी विभाग के अनुसार, हर महीने जीबीएस के औसतन पांच से सात मामले आते हैं, जो मौजूदा समय में भी सामान्य दर पर ही हैं। अधिकतर प्रभावित मरीजों की उम्र 22 से 55 वर्ष के बीच है, हालांकि कुछ बच्चों में भी इसके लक्षण देखे गए हैं, जिनका इलाज जेके लोन अस्पताल में किया जा रहा है। जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक कैलाश मीणा ने बताया कि स्थिति सामान्य है, घबराने की जरूरत नहीं है।

जीबीएस के लक्षण


शरीर में सुन्नता और झुनझुनी

मांसपेशियों में दर्द या थकान

सांस लेने में कठिनाई (गंभीर मामलों में)

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चेहरे के हावभाव में बदलाव, चलने-फिरने में दिक्कत

खाने और बोलने में परेशानी

क्या है गुलियनबैरी सिंड्रोम


एसएमएस अस्पताल की न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. भावना शर्मा के अनुसार, जीबीएस एक दुर्लभ लेकिन गंभीर तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही तंत्रिकाओं पर हमला करने लगती है, जिससे मांसपेशियों की कमजोरी और लकवा जैसी स्थिति हो सकती है। इस बीमारी का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन माना जाता है कि यह वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के बाद विकसित होती है। यदि किसी व्यक्ति में इसके लक्षण दिखें तो तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए, क्योंकि देरी नुकसानदायक हो सकती है।