
Rajasthan budget 2023 : मंडी और कृषक कल्याण शुल्क का बोझ मंडियों से हटाया जाए
rajasthan budget 2023 : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 10 फरवरी को विधानसभा में प्रदेश का बजट पेश करेंगे। इस बजट से पूरे प्रदेश को काफी उम्मीदें हैं। इसकी वजह है कि इस साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि बजट में कई रियायतें और लोकलुभावन घोषणाएं हो सकती हैं। राजधानी मंडी में राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की ओर से बजट पूर्व परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसमें संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता, सदस्य कैलाश खंडेलवाल, मंडी अध्यक्ष रामचरण नाटानी, उपाध्यक्ष घासीराम अग्रवाल, दाल मिल एसोसिएशन के प्रवक्ता मधुसूदन के साथ कई व्यापारियों ने भाग लिया। बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ प्रदेश की 247 कृषि उपज मंडियों के साथ 12 सौ दाल मिलों और 15 सौ तेल मिलों का प्रतिनिधित्व करता है। प्रदेश में इनके माध्यम से लाखों लोगों को रोजगार मिलता है और सरकार को करोड़ों का राजस्व। यदि किसानों को उन्नत करना है तो प्रदेश की मंडी व्यवस्था को भी उन्नत करना होगा, लेकिन मंडियों में मंडी शुल्क और किसान कल्याण शुल्क वसूला जा रहा है, जो इस व्यवसाय के लिए घातक है।
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खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की बजट मांगें...
मंडी में किसी भी उत्पाद पर 1 प्रतिशत से ज्यादा टैक्स ना हो
ई- नाम व्यवस्था तुरंत बंद की जाए
कृषि उपज मंडियों में पानी, बिजली, सड़क, सीवरेज और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए
मंडियों से सम्बन्धित व्यापार पर मंडियों से बाहर पाबंदी होनी चाहिए
व्यापारियों को सोशल सिक्योरिटी और पेंशन योजना का लाभ दिया जाए
मोटा अनाज को वैल्यू एडिशन के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रोत्साहित किया जाए
दाल, खाद्य तेल और अन्य खाद्य पदार्थ से सम्बन्धित पुरानी इकाइयों को भी रिप्स-2022 का लाभ दिया जाए
Published on:
08 Feb 2023 11:23 am
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