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जयपुर डीओआईटी की नई पहल, वाहन पर लगे क्यू आर कोड से मालिक से होगा संपर्क

परिवहन विभाग की अनुमति के बाद सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की ओर से एक अनूठी पहल शुरू की गई है।

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जयपुर। परिवहन विभाग की अनुमति के बाद सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की ओर से एक अनूठी पहल शुरू की गई है। इसके अनुसार एक क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद चौपहिया वाहन के मालिक की जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी और आपातकालीन परिस्थितियों में कॉल के जरिये चौपहिया वाहन मालिक से कांटेक्ट भी हो सकेगा।
सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग का एक निजी कंपनी के साथ एमओयू हुआ है। एमओयू के बाद चौपहिया वाहनों के लिए एक क्यूआर कोड बनाया गया है। इस क्यूआर कोड में चौपहिया वाहन के मालिक की पूरी जानकारी रहती है। जब पार्किंग या अन्य दुर्घटना होने की आपातकालीन स्थिति में इस क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद एक कॉल गाड़ी के मालिक के पास पहुंचता है और उसे आपातकालीन परिस्थितियों की जानकारी दी जाती है। इस क्यूआर कोड में मालिक के मोबाइल नंबर के अलावा सिटी, उसका नाम, गाड़ी नंबर ब्लड ग्रुप और एक इमरजेंसी नंबर की जानकारी होती है। आम जनता के लिए ही ई मित्रो पर यह क्यूआर कोड उपलब्ध कराया जा रहा है।

सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के उपनिदेशक रितेश कुमार शर्मा ने बताया कि जयपुर जैसे मेट्रो स्टेशन में पार्किंग की हर जगह समस्या रहती है। लोग इधर-उधर वाहन खड़े करके चले जाते हैं और घंटो बीतने के बाद वापस लौटते हैं इससे उन लोगों को परेशानी होती है जिनके वाहन के सामने या पीछे वह गाड़ी लगा कर चले जाते हैं क्यूआर कोड में वाहन मालिक की जानकारियां रहती है इस तरह के कांटेक्ट करने पर प्राइवेट नंबरों से कॉल आती है। इसके कारण न तो कॉल करने वाले का नंबर और ना ही कॉल रिसीव करने वाले का नंबर स्क्रीन पर दिखता है। दोनों की ही नंबर गुप्त रखे जाते हैं।

कलक्टर को दिया गया डेमो..
डीओआईटी की ओर से जयपुर जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित को क्यूआर कोड का डेमो दिया गया है। ताकी यह क्यूआर कोड राज्य सरकार अपने स्तर पर अनिवार्य करे तो यह ज्यादा सफल होगा। बहरहाल कंपनी की ओर से इसका प्रचार प्रसार सही तरह से नहीं किया गया। इसके कारण लोगों का रुझान इस योजना की ओर कम है। अब तक मात्र 2500 क्यूआर कोड ही चौपाहिया वाहनों के लिए बनाए गए हैं। लोगों के कम रुझान को देखते अब इसके प्रचार प्रसार की आवश्यकता जतायी जा रही है। एमओयू करने वाली कंपनी के नीरज भारद्वाज ने बताया कि यह क्यूआर कोड की सेवा यूनिवर्सल है और सभी ई मित्रों पर यह सेवा आम जनता के लिए उपलब्ध है। ई मित्र पर आप्लाई करने के बाद आम जनता को घर पर ही यह क्यूआर कोड पहुंच जाएगा और यह यू आर कोड़ बारिश से खराब नहीं होता।

क्यूआर कोड से यह होगा लाभ
दुर्घटनाग्रस्त होने या पार्किंग में इधर-उधर गाड़ी खड़ी होने से लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई बार वाहन चालक गाड़ियों को अन्य गाड़ियों के आगे या पीछे पार्क कर देते हैं। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है और घंटों वाहन चालक का इंतजार करना पड़ता है। इसी तरह से दुर्घटनाग्रस्त होने पर गाड़ी के मालिक की जानकारी भी नहीं मिल पाती। यह क्यूआर कोड उस विकट परिस्थितियों में सहायक सिद्ध होगा और वाहन चालक से सीधे कांटेक्ट भी हो सकेगा।