
जुनैद - मां के साथ लवेश और दस साल पहले गंगापुर सिटी से अपहृत शंभूदयाल का बेटा ललित
मुकेश शर्मा। विद्याधर नगर स्थित झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाली जमूरा गैंग ने कई बच्चों का अपहरण किया था। कोटा जंक्शन से अपहृत लवेश को विद्याधर नगर में गैंग के चंगुल से मुक्त करवाया गया था, तब गैंग के पास एक अपहृत बालक और मिला था। गैंग ने पुलिस को गुमराह करने के लिए बताया कि दूसरे बालक का उन्होंने 10 वर्ष पहले गंगापुर सिटी रेलवे स्टेशन से अपहरण किया था और उसका नाम ललित है।
पुलिस पड़ताल में सामने आया कि सवाईमाधोपुर के चौथ का बरवाड़ा निवासी शंभूदयाल कोली ने 10 वर्ष पहले गंगापुर सिटी में अपने चार वर्षीय बेटे के अपहरण का मामला दर्ज करवाया था। डीएनए जांच व बच्चे से पूछताछ के बाद पता चला कि वह ललित नहीं… बल्कि उत्तर प्रदेश के बहराइच निवासी जुनैद है। पुलिस ने बहराइच में पता किया तो वहां इसी साल अप्रैल में जुनैद के अपहरण का मामला दर्ज हुआ था। पुलिस ने जुनैद को उसके परिजन के सुपुर्द कर दिया।
अब बड़ा सवाल यह है कि, 10 वर्ष पहले गंगापुर सिटी रेलवे स्टेशन से शंभूदयाल कोली के बेटे ललित का अपहरण किया था, उसका गैंग ने क्या किया। बच्चा गैंग के पास नहीं मिला। बच्चे को भीख मंगवाने के लिए किसी गिरोह को तो नहीं बेच दिया। आशंका है कि, गैंग में कई लोग शामिल हैं, जो अभी तक पुलिस पकड़ में नहीं आए।
कोटा रेलवे जंक्शन से 5 मई को चार वर्षीय लवेश के अपहरण का सनसनीखेज मामला सामने आया था। जीआरपी ने 280 किलोमीटर क्षेत्र में 470 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, तब जाकर गैंग के संबंध में अहम सुराग हाथ लगे। पुलिस ने जयपुर के विद्याधर नगर स्थित झुग्गी-झोपड़ी में दबिश दी, जहां पर लवेश के साथ पहले से अपहृत जुनैद भी मिला था, जिसका नाम गैंग ने ललित बताया था। तब पुलिस ने मूलत: हरियाणा के भिवानी हाल विद्याधर नगर स्थित किशनबाग झुग्गी-झोपड़ी निवासी प्रेम सिंगीवाल(65), उसकी पत्नी लज्जो (55), बेटा अर्जुन(30), कर्ण(22) व मुख्य सरगना मुकेश मदारी (19) को गिरफ्तार किया था।
सवाईमाधोपुर के चौथ का बरवाड़ा निवासी शंभूदयाल कोली नेेे बताया कि बच्चे से उनका डीएनए नहीं मिला, लेकिन वे खुश हैं कि किसी को तो अपना बच्चा मिल गया। पुलिस से उम्मीद है कि जिस तरह दो बच्चों को उनके परिजन से मिलवाया, वैसे ही उसके बच्चे को भी तलाश लेगी।
उत्तर प्रदेश के बहराइच के रिसिया थाने में रामपुर वसई निवासी कलावती ने बेटे जुनैद के अपहरण का मामला दर्ज करवाया था। जुनैद ने बताया कि वह 25 अप्रेल को बशीरगंज बहन के घर जाने के लिए बहराइच रेलवे स्टेशन पहुंचा, जहां से जमूरा गैंग ने उसका अपहरण कर लिया। गैंग उसे अलवर होते हुए जयपुर लेकर पहुंची और रास्ते में जमूरा का खेल भी दिखाया। जयपुर में उसको कुछ खिला दिया, जिसके बाद उसे होश नहीं था। पुलिस ने गैंग के चंगुल से जुनैद को मुक्त करवाया था तब वह नशे की हालत में बेसुध था। जुनैद को देख उसके पिता भावुक हो गए और उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक आए।
गंगापुर सिटी से अपहृत बच्चा नहीं मिला है। जमूरा गैंग के पास मिला बच्चा उत्तर प्रदेश के बहराइच निवासी है। अब गंगापुर सिटी से अपहृत बच्चे की तलाश में अनुसंधान किया जा रहा है। बाल कल्याण समिति की काउंसलिंग से काफी मदद मिली।
- चांदमल, वृत्ताधिकारी कोटा जीरआरपी
Published on:
18 Jun 2024 09:41 am
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