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नहीं थम रहे जीरे की दाम, अतिरिक्त मार्जिन लगाना भी आया नहीं काम

वायदा कारोबार पर अतिरिक्त मार्जिन लगाने के बावजूद मसाला बाजार में जीरे के भाव आए दिन नया रिकॉर्ड बना रहे हैं।

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जीरे की कीमतों में नहीं थम रही तेजी, अतिरिक्त मार्जिन लगाना भी नहीं आया काम

जीरे की कीमतों में नहीं थम रही तेजी, अतिरिक्त मार्जिन लगाना भी नहीं आया काम

वायदा कारोबार पर अतिरिक्त मार्जिन लगाने के बावजूद मसाला बाजार में जीरे के भाव आए दिन नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। जीरे के भाव में आ रही तेजी को रोकने के लिए इसके वायदा बाजार पर अतिरिक्त मार्जिन भी लगाया गया है, लेकिन भाव थमने का नाम नहीं ले रहे है। आपको बता दे कि कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स ने 12 मई से जीरा वायदा कारोबार पर 2 फीसदी का अतिरिक्त मार्जिन लगाने का फैसला किया है। जीरे के भावों में पिछले कुछ महीनों से लगातार तेजी देखी जा रही है। महीने भर में जीरा 20 फीसदी तक महंगा हो चुका है। इस साल जीरे के खुदरा दाम करीब—करीब दोगुने बढ़ चुके हैं।

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मुनाफावसूली से जीरे की कीमतों में तेजी

मसाला कारोबारी रामअवतार अग्रवाल का कहना है कि मुनाफावसूली से जीरे की कीमतों में तेजी दर्ज की गई है। इस साल जीरा का उत्पादन कम है, इससे बाजार में इसकी आपूर्ति कमजोर है। इसलिए जीरे की कीमतों में तेजी आ रही है। आगे जीरे के भाव बढ़कर 38 से 40 हजार रुपए क्विंटल रुपए के बीच जा सकते हैं।

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जीरा उत्पादन करीब 8 फीसदी घटने का अनुमान

गुजरात में जीरे की बुवाई 6 फीसदी कम हुई थी। राजस्थान में प्रतिकूल मौसम के कारण इसकी उत्पादकता में कमी आई है। लिहाजा इस साल जीरे का उत्पादन कम है। इस साल 5.80 लाख टन जीरे का उत्पादन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के उत्पादन 6.29 लाख टन से 7.79 फीसदी कम है।